
- सलखन जीवाश्म पार्क में करीब 1.4 अरब (140 करोड़ वर्ष) पुराने स्ट्रोमैटोलाइट्स जीवाश्म संरक्षित
 - वर्तमान में भारत में 43 यूनेस्कों विश्व धरोहर स्थल है, जिनमें 07 प्राकृतिक श्रेणी के
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Lucknow : उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित सलखन जीवाश्म पार्क को यूनेस्कों की विश्व धरोहर स्थलों की स्थायी सूची में शामिल करने का प्रयास गंभीरता से किया जा रहा है। यह पार्क उप्र के सोनभद्र जिले के सलखन गांव, कैमूर वन्य जीव अभ्यारण्य के पास स्थित है और लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है और भारत के सबसे जीवाश्म पार्को में से एक है।
उन्होंने बताया कि यूनेस्कों की विश्व धरोहर स्थल की स्थायी सूची में शामिल होने से इसकी वैश्विक पहचान और महत्व बढ़ेगा तथा पर्यटन के साथ-साथ वैज्ञानिक शोधों को भी बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में भारत में 43 यूनेस्कों विश्व धरोहर स्थल है जिनमें 07 प्राकृतिक श्रेणी के है।
श्री सिंह ने बताया कि सलखन जीवाश्म पार्क में करीब 1.4 अरब (140 करोड़ वर्ष) पुराने स्ट्रोमैटोलाइट्स जीवाश्म संरक्षित है। जो साइनोबैक्टीरिया (नीली हरित शैवाल) द्वारा निर्मित प्राचीन अवसादी संरचनाएं है। उन्होंने बताया कि अमेरिका के एलो स्टोन नेशनल पार्क के 500 मिलीयन वर्ष पुराने जीवाश्म और कनाडा के मिस्टेकन पाइंट से भी अधिक सलखन के जीवाश्म पुराने है। सलखन पार्क पृथ्वी के प्री-कैब्रियन युग के महत्वपूर्ण प्रमाण प्रस्तुत करता हैं और जीवन के विकास की वैश्विक भू-विरासत श्रेणी में आता है। 
यह पार्क पृथ्वी पर प्रारंभिक जीवन और ऑक्सीजनिक प्रकाश संश्लेषण की उत्पत्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका स्थित एलो स्टोन पार्क के बाद भारत का सबसे बड़ा यह जीवाश्म पार्क है।
श्री सिंह ने बताया कि उप्र सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा पिछले काफी समय से सलखन को यूनेस्कों की विश्व धरोहर की श्रेणी में लाने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि सलखन पार्क को वैश्विक स्तर पर स्थायी मान्यता मिलने से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्राचीन एवं समृद्ध प्राकृतिक धरोहर को और अधिक मान्यता मिलेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
 साथ ही स्थानीय स्तर पर वैज्ञानिक शोधों एवं स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। श्री सिंह ने कहा कि सलखन जीवाश्म पार्क में अब तक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भू-वैज्ञानिकों ने विभिन्न शोध किए है और बताया है कि इतने सुंदर और स्पष्ट भू-क्षेत्र में हो रहे जीवाश्म वैज्ञानिक शोधों को एक नई दिशा प्रदान करेगे। इसके अलावा पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी जिसके फलस्वरूप स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार तथा प्रदेश सरकार को राजस्व भी प्राप्त होगा।
श्री सिंह ने केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को सितंबर 2025 में पत्र भेजकर सलखन पार्क को विश्व धरोहर की स्थायी सूची में शामिल कराने का अनुरोध किया गया था। 
उन्होंने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि भारत सरकार के स्तर पर सलखन को यूनेस्कों की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वाराणसी स्थित सारनाथ को भी यूनेस्कों में शामिल करने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। पर्यटन मंत्री ने केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार भी व्यक्त किया है।










