
भास्कर ब्यूरो
बरेली। जिले में एसएसपी अनुराग आर्य के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है, लेकिन थाना बारादरी की सुस्ती और लापरवाही ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। हाल ही में, दो कुख्यात अपराधियों की बरेली में लूट की योजना बनाने की घटना ने पुलिस की खुफिया निगरानी प्रणाली की कमी को उजागर किया।
सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड और रामपुर से आए इन अपराधियों ने दिनदहाड़े पीलीभीत बाईपास से सैटेलाइट तक की रेकी की और CCTV कैमरे तक का निरीक्षण किया। इनकी गतिविधियों की भनक भी थाना बारादरी पुलिस को नहीं लगी, जो की चिंताजनक है। अगर पुलिस की सक्रियता से इनकी योजना नाकाम न होती, तो शहर की शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता था।
हालांकि, एसएसपी अनुराग आर्य की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के कारण जब थाना बारादरी पुलिस ने संदिग्ध वाहन चेकिंग की, तो एक बिना नंबर वाली काली अपाचे मोटरसाइकिल पर सवार दो अपराधी पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने उनका पीछा किया, और अपराधियों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उन्हें काबू में कर लिया।
गिरफ्तार अपराधियों के पास से अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस, चाकू और बिना नंबर की मोटरसाइकिल बरामद की गई। ये सभी सामान इस बात का सबूत हैं कि ये लोग किसी बड़ी लूट की योजना में थे। इस घटनाक्रम ने थाना बारादरी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं कि आखिर कैसे ये अपराधी 10-12 दिन तक बरेली में घूमते रहे और पुलिस को इसकी जानकारी नहीं हुई।
गिरफ्तार अपराधियों सोनू उर्फ सतेंद्र पाल सिंह और दीपक सिंह उर्फ विक्की का आपराधिक रिकॉर्ड गंभीर है। सोनू पर हत्या, डकैती, और अवैध हथियारों के मामले दर्ज हैं जबकि दीपक सिंह भी कई मामलों में जेल जा चुका है। यह स्पष्ट है कि इनकी संगठित आपराधिक गतिविधियाँ बारादरी पुलिस की खुफिया प्रणाली की कमियों को प्रदर्शित करती हैं।
यह घटना एक बार फिर इस बात की पुष्टि करती है कि जबकि एसएसपी अनुराग आर्य अपने कार्य में प्रभावी हैं, थाना बारादरी की पुलिस को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।