
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के घर पर आज (10 मार्च) प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान बघेल के घर के साथ-साथ 14 अन्य स्थानों पर भी ईडी की कार्रवाई की गई। इस छापेमारी का मुख्य उद्देश्य भूपेश बघेल के बेटे, चैतन्य बघेल के घर पर भी कार्रवाई करना था। जैसे ही ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की, कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री के घर के बाहर इकट्ठा हो गए और भाजपा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
मणिकम टैगोर की विवादित टिप्पणी: ED को ‘पालतू कुत्ता’ कहा
इस छापेमारी के बाद कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने प्रवर्तन निदेशालय की आलोचना करते हुए एक विवादित बयान दिया। उन्होंने ईडी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ‘पालतू कुत्ता’ करार दिया। मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि ईडी सरकार के इशारे पर काम कर रही है और उसे अपनी स्वतंत्रता नहीं है। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि ईडी पीएम मोदी और अमित शाह के पालतू कुत्ते की तरह काम कर रही है। वे इसे जहां चाहें भेज सकते हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि भूपेश बघेल एक मजबूत कांग्रेस नेता रहे हैं, और छत्तीसगढ़ की जनता उनके साथ खड़ी है।
भूपेश बघेल ने भी की प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस छापेमारी पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि सात वर्षों से चल रहे झूठे मामलों को जब अदालत ने बर्खास्त कर दिया, तो अब ईडी द्वारा उनके भिलाई निवास में प्रवेश किया गया है। बघेल ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई एक साजिश के तहत की जा रही है, ताकि कांग्रेस की गतिविधियों को पंजाब में रोका जा सके। उन्होंने कहा, “अगर यह षड्यंत्र पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास है, तो यह बड़ी गलतफहमी है।”
भूपेश बघेल को पंजाब का महासचिव नियुक्त किया गया
हाल ही में भूपेश बघेल को पंजाब में कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया गया था, और इसके बाद से ही उनकी भूमिका और जिम्मेदारी में बढ़ोतरी हुई थी। उनकी नियुक्ति से कांग्रेस के भीतर एक नई ऊर्जा आई थी, और उनकी छवि एक मजबूत नेता की बन गई थी। यह ईडी की छापेमारी कांग्रेस के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है और पार्टी के भीतर इसे सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ एक राजनीतिक हथियार के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी का समर्थन
इस पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी ने भूपेश बघेल के समर्थन में एकजुटता दिखाई है। पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हैं, और इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा मानते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह सब कांग्रेस के खिलाफ एक साजिश के तहत किया जा रहा है, जिससे भूपेश बघेल और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
भविष्य में क्या होगा?
इस घटना के बाद, यह देखा जाना है कि ईडी की इस कार्रवाई का कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल के राजनीतिक करियर पर क्या असर पड़ता है। वहीं, भाजपा और सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता आगामी दिनों में क्या कदम उठाएंगे, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल बन गया है।
हालांकि, यह तय है कि यह छापेमारी और उसके बाद की प्रतिक्रियाएं भारतीय राजनीति में नए मोड़ ला सकती हैं, खासकर पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में।