
भारत से सैन्य युद्ध कर रहे पाकिस्तान में आर्थिक संकट आ गया है। एक तरफ तो पाकिस्तान भारत में हमले करने में व्यस्त है तो दूसरी ओर विश्व बैंक सहित अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों से वित्तीय मदद मांग रहा है।
बता दें कि पाकिस्तान सरकार के आर्थिक सलाहकार विभाग ने एक्स (ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा है कि बढ़ते युद्ध के तनाव और शेयर बाजार में गिरावट के बीच हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील कर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्र से दृढ़ रहकर इस कठिन समय का सामना करने का भी आग्रह किया है।
यह कदम पाकिस्तान के भारत के साथ तनावपूर्ण माहौल के बीच आया है, विशेष रूप से 7 मई को पहलगाम हमले का जवाब देने के बाद से दोनों देशों के बीच स्थिति और भी बिगड़ी है। पाकिस्तान की आर्थिक परेशानियों के चलते उसकी मुद्रा और शेयर बाजार में भी गिरावट देखी जा रही है।
आज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बैठक होने वाली है, जिसमें पाकिस्तान को आर्थिक संकट से उबारने के लिए प्रस्तावित वित्तीय सहायता पर चर्चा होगी। इस बैठक में भारत भी हिस्सा लेगा, क्योंकि वह आईएमएफ का सदस्य है और पाकिस्तान के खिलाफ अपने विरोध को व्यक्त करने का अवसर देख रहा है। भारत का तर्क है कि पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देना आतंकवाद को प्रोत्साहित करने जैसी बात है।
चिंता की बात यह है कि अमेरिका और चीन जैसे बड़े हिस्सेदार देशों की तरफ से पाकिस्तान को सहायता देने से कोई हां नहीं बोल रहा तो किसी ने मना भी नहीं किया है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान को वित्तीय सहायता देना वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देने के समान है।
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