
नई दिल्ली : ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड (AATS) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लग्जरी कारें चोरी कर नकली नंबर प्लेट लगाकर अन्य राज्यों में बेच देता था। पुलिस ने गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार कर एक चोरी की हुई कार बरामद की है।
ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी अभिषेक धनिया (IPS) ने बताया कि वाहन चोरी की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड को सक्रिय किया गया था। एसीपी ऑपरेशन संजय कुमार के पर्यवेक्षण में इंस्पेक्टर पवन यादव के नेतृत्व में एसआई देवेंद्र, एएसआई दीपक त्यागी, अर्जुन, राजीव सोलंकी, विनोद, अजीत, एचसी अश्विनी, आशुतोष, पंकज और कांस्टेबल अंकित की टीम बनाई गई। टीम ने सूचना तंत्र को सक्रिय कर इलाके में निगरानी बढ़ाई और एक बड़ी सफलता हासिल की।
26 सितंबर को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने दो आरोपियों सतीश (37) और मनोेज (36), दोनों निवासी वीर सिंह कॉलोनी, बुढ़ विहार फेज-2, दिल्ली, को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सतीश ने खुलासा किया कि वह कई बार जेल जा चुका है और लंबे समय से वाहन चोरी के मामलों में शामिल रहा है। उसने बताया कि वह दिल्ली से कारें चोरी कर मेरठ ले जाता था, जहां वाहनों के नंबर बदलकर उन्हें पंजाब, राजस्थान, कोलकाता, छत्तीसगढ़ और गुजरात में बेच दिया जाता था।
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने एक काली रंग की हुंडई क्रेटा कार बरामद की, जो पांडव नगर थाना क्षेत्र से चोरी हुई थी। वाहन पर लगी फर्जी नंबर प्लेट भी जब्त की गई है।
पुलिस के अनुसार, सतीश का साथी आरिफ उर्फ मोहम्मद अली, निवासी गांव महलकी, जनपद मुजफ्फरनगर (यूपी), अभी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
पुलिस का कहना है कि यह गिरोह दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय था और चोरी की गई लग्जरी गाड़ियों को interstate नेटवर्क के ज़रिए बेचता था।