अलग-अलग रूट पर क्यूआर कोड के चलेंगे ई रिक्शा…मंडलायुक्त ने अफसरों संग बनायी ये रणनीति

शीर्षक – बेलगाम ई-रिक्शा पर लगाम की तैयारी

 
 
कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा ई रिक्शा चालकों का वैरिफिकेशन करने के आदेश के चंद घंटे बाद ही मंडलायुक्त विजेन्द्र पंडियन ने शहर के अफसरों संग समीक्षा बैठक में ई-रिक्शा पर लगाम लगाने की तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया। तय हुआ कि शहर को कई जोन में बांटकर ई रिक्शों को क्यूआर कोड अलग के हिसाब से चलाया जायेगा। साथ ही शहर में संचालित करीब पांच लाख ई रिक्शों में से एक लाख ई-रिक्शों का वेरिफिकेशन तत्काल प्रभाव से कराये जाने के निर्देश दिये। मंडलायुक्त की बैठक में ज्वाइंट सीपी हरीश चंदर, नगर आयुक्त सुधीर कुमार, डीसीपी ट्रैफिक समेत आरटीओ के अफसर मौजूद रहे। उन्होंने सीधे तौर पर साफ कहा कि एक ई-रिक्शा कोई भी ड्राइवर चला सकता है, लेकिन वेरिफिकेशन जरूर कराया जाए। जिले में 1 लाख ई-रिक्शा संचालित हो रहे हैं।अनरजिस्टर्ड ई-रिक्शा संचालन को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके रोका जाए व रजिस्ट्रेशन कैंप लगाया जाएगा। रूट के हिसाब से ई-रिक्शों में क्यूआर कोड भी लगाया जाएगा।मंडलायुक्त ने बताया कि ई-रिक्शा संचालन के लिए रूट निर्धारित किए गए हैं। इसमें इंट्रीगेट्रेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से डाटा लिया जाएगा। पोर्टल में एक अतिरिक्त कॉलम भी खोला जाएगा। ई-रिक्शा को निर्धारित 4 जोनों में आवंटित कर संचालन कराया जाएगा।

शहर में अब ई-रिक्शों के लिए भी स्टैंड बनाए जाएंगे। इनके लिए जगह भी निर्धारित की जाएगी। रजिस्ट्रेशन की जांच करने के लिए आरटीओ की मदद ली जाएगी। शहर के आलाधिकारियों की मौजूदगी में ई-रिक्शा मैनेजमेंट को लेकर बैठक भी जल्द की जाएगी। वाहन सारथी एप के माध्यम से वेरीफिकेशन किया जाएगा।

ई रिक्शों की अराजकता से जाम

शहर में ई रिक्शों की बेलगामी छुपी नहीं है। शहर की सड़कों पर अराजकता की मिशाल बन चुके ई रिक्शों के संचालन को लेकर ट्रैफिक या आरटीओ के पास कोई रणनीति नहीं है। कहने को तो करीब एक लाख ई रिक्शा रजिस्टर है, लेकिन शहर की सड़कों पर पांच लाख के आसपास ई रिक्शे दौड़ रहे हैं। इनमें से हजारों नाबालिगों के हाथ में स्टेरिंग है तो कई बुजुर्ग और महिलाएं भी ई रिक्शा चला रही है। और तो और काम की तलाश में दूसरे राज्यों और जिलों से आये कामगारो को भी ई रिक्शा थमा कर कमाई करायी जाती है, जो कई बड़ी घटनाओं की वजह भी बनता है। मंडलायुक्त ने बताया कि ई-रिक्शों के रजिस्ट्रेशन में रिक्शा मालिक से लिया जाने वाला शुल्क भी निर्धारित किया जाएगा। सबसे बड़ी चुनौती ई रिक्शा चालकों का वैरिफिकेशन करना है, क्योंकि हजारों चालक बिना डीएल के वाहन दौड़ा रहे है ऐसे में वो खुद वैरिफिकेशन कराने सामने नहीं आयेंगे।

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