
शादी की तारीख के साथ-साथ उसमें लिखा ढोल नगाड़े डांस पार्टी से रखे दूरी
भास्कर समाचार सेवा
गाजियाबाद। मुस्लिम समाज के मौलाना और कार्यों और मुख्य द्वारा एक समाज को ध्यान में रखते हुए अच्छा संदेश देने का प्रयास किया गया है संदेश के जरिए फिजूलखर्ची पर रोक और शादी विवाह में डांस पार्टी ढोल नगाड़े से तौबा करने के अलावा दूल्हा अब बिना डांस पार्टी के दुल्हन को विवाह कर लाने के लिए बाकायदा चिट्ठी में लिखा भी गया है। चिट्ठी सुनने में बैठे सामाजिक और गणमान्य लोगों द्वारा समाज के इस शानदार प्रयास की दिल खोलकर सराहना की गई है । जानकारी के अनुसार बता दें कि मुस्लिम समाज व अन्य हर वर्ग के समाज में शादी विवाह में खुशियों को मनाने के उद्देश्य से युवाओं में डांस और ढोल नगाड़ों का अच्छा क्रेज देखा जाता है। यानी की खुशी को सेलिब्रेट करते हुए डांस वगैरह भी किया जाता रहा है और यह परंपरा भी बताई जाती है। इस लिहाज से युवाओं द्वारा शादी में शिरकत कर दूल्हे के साथ डांस कर खुशियों में सरोवर किया जाते हैं। कभी-कभी देखा जाता है कि डांस पार्टी की वजह से आपसी विवाद बढ़ जाता है और आपसी विवाद के चलते खुशी की माहौल गम के माहौल में भी बदल जाती है। क्योंकि सेलिब्रेट के दौरान हर्ष फायरिंग के मामले भी लगातार सामने आते रहते हैं। जिस पर शासन द्वारा रोक भी लगाई गई थी। मुस्लिम समाज द्वारा इन सबके विपरीत अब समाज में एक अच्छा संदेश देने का प्रयास किया गया है। यानी कि दूल्हा अपनी दुल्हन को लाने के लिए बड़े ही सादगी से बारात को लेकर आराम से दुल्हन को लाकर मुस्लिम समाज में एक अच्छा संदेश देने का कार्य करेगा और फिजूलखर्ची से भी बचने का प्रयास किया जाएगा। मौलाना आसिफ ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके बड़े यानी मुफ्ती, मौलाना, कारी और उलेमा द्वारा एक शानदार प्रयास किया जा रहा है। जिससे कि समाज में गलत तरह की भ्रांति न फैले और समाज में एक अच्छा संदेश जाए । इसी उद्देश्य के चलते शादी विवाह में होने वाले फिजूलखर्ची पर भी रोक लगे । जिस कारण उलेमाओं के कहने पर मसूरी के मुगल गार्डन के रहने वाले इंतजार ने अपनी बेटी के विवाह की चिट्ठी में डासना निवासी मुल्लाजी वकील के बेटे की तारीख में साफ शब्दों में लिखा है कि निकाह को बड़े ही सादगी के साथ करने का प्रयास करें और शादी में ढोल नगाड़े डांस पार्टी ना हो, जिससे कि खुशी के माहौल में चार चांद लगे । यह एक शानदार और अच्छा प्रयास है। जिससे मुस्लिम समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा। मैं वादा करता हूं कि जिस तरह शादी विवाह में डांस पार्टी और हुड़दंग में कमी आने की वजह से खुशी का माहौल और दो गुना हो जाएगा । उस मामलों में फिजूलखर्ची पर भी लगाम लगेगी। इस बीच मुल्लाजी वकील, अलीमुद्दीन चौधरी, खलील अहमद, हाजी राहत अली, अययाज अली सहित दर्जनों मुस्लिमों के सामने पढ़ी जा रही चिट्ठी में इस संदेश को सुनने के बाद इसे एक अच्छा कार्य और अच्छा संदेश बताया गया । कहा कि अगर मुस्लिम समाज में इस तरह के संदेश चिट्ठियों के द्वारा शादी विवाह में पहुंचने लगेंगे तो यह एक अच्छा प्रयास होगा और हुड़दंग डांस पार्टी फिजूलखर्ची और झगड़े से निजात मिल जाएगी। शादी विवाह के इस कार्यक्रम में सुंदर तरीके से लोग दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देंगे। कभी-कभी डांस पार्टी और ढोल नगाड़ों की वजह से युवाओं द्वारा हुड़दंग मचाया जाता है । उसमें झगड़े फसाद सामने आते हैं और खुशी का माहौल गम में तब्दील हो जाता है । कभी-कभी घटनाएं दुर्घटनाएं भी सामने आती हैं और मुस्लिम समाज को अब इस तरफ खासतौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है। और बिना दान दहेज के भी शादी जैसे मामलों पर ध्यान देकर गरीब मजदूरों की बेटे बेटियों के होने वाले निकाह शादी विवाह में एक कदम आगे बढ़कर प्रयास करने होंगे। जिस वजह से गरीब मजदूरों की बेटियों के विवाह भी सही तरीके से संपन्न हो जाएंगे । हम सभी उलेमाओं के द्वारा दिए गए इस संदेश का दिल खोलकर सराहना करते हैं। इस अहम मौके पर मौलाना आसिफ, मुल्लाजी वकील, जावेद चौधरी,अलीमुद्दीन चौधरी, अय्याज चौधरी, अकरम, असलम, महबूब खेड़ी वाले, माजिद चौधरी, सलीम, खलील चौधरी, शकील, नसरू, हाजी जाकिर सहित तमाम मुस्लिम समाज से जुड़े लोग मौजूद रहे।