शहर में भारी जलभराव,सड़कें हुई तालाबों में तब्दील
2009 में जेनर्म योजना के तहत 120 करोड़ से बने थे नाले
भास्कर समाचार सेवा
मथुरा। लगातार हो रही बरसात से कृष्ण नगरी की ड्रेनेज व्यवस्था पूरी तरह से चरमराती हुई नजर आई l शहर का ऐसा कोई मार्ग नहीं था जहां बरसात का पानी हिलोरे ना मार रहा हो l स्थिति बदतर तब हो गई जब,मार्गों पर जगह-जगह बरसात के पानी से वाहन बंद होने लगे l नए बस स्टैंड स्थित रेलवे पुलिया के नीचे सवारियों से भरी बस बंद हो जाने से कई लोगों की जान पर बन आई l
यूं तो मथुरा वृंदावन नगर निगम अस्तित्व में आने के समय से ही शहर में विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों को अमलीजामा पहना रहा है इन विकास कार्यों में शहर की ड्रेनेज (नाला) व्यवस्था भी शामिल है नगर निगम ने पूर्व के बरसो में कई क्षेत्रों में नालों का निर्माण करवाया है बावजूद इसके बरसात के मौसम मे धार्मिक नगरी मथुरा वृंदावन ताल तलैया में तब्दील हो जाती है l यह सिलसिला वर्ष दर वर्ष दशकों से चला आ रहा है l
जेनर्म योजना के तहत 120 करोड़ से बनाए गए थे नाले
विदित हो कि सन 2009 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने जेनर्म योजना के तहत, शहर की ड्रेनेज व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़े स्तर पर नाला निर्माण के लिए लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) कंपनी को 120 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट दिया था l कंपनी ने शहर में बड़े स्तर पर नालों का जाल बिछाया l इस कड़ी में कई स्थानो पर संपबैल भी बनाए गए l इनमें से एक संपबैल नए बस स्टैंड पर होने वाले जलभराव की समस्या को देखते हुए यहां भी बनाया गया l जब तक उक्त प्रोजेक्ट के रखरखाव की व्यवस्था कंपनी पर रही, शहर जलभराव की समस्या से मुक्त रहा, लेकिन कंपनी के जाने के बाद नया बस स्टैंड स्थित संपबैल का रखरखाव ना हो सका l इसके परिणाम स्वरूप रेलवे पुलिया के नीचे भारी जलभराव होने से शहरवासियों को परेशानी झेलनी पड़ती है l
अतिक्रमण भी है जलभराव की समस्या का एक कारण
एलएंडटी कंपनी जब शहर में नाला निर्माण के कार्य कर रही थी उस समय कई क्षेत्रों में नाला निर्माण अधूरा रह गया इसका मुख्य कारण अतिक्रमण की समस्या थी l कई क्षेत्रों में लोगों ने नालो के ऊपर मकान बना रखे थे इस कारण नालों को कनेक्ट किया जाना संभव नहीं हो सका l इसका दुष्परिणाम यह है कि बारिश के दिनों में जब नालों में पानी अधिक मात्रा में आता है तो आगे निकास न होने के चलते पानी बैक मारकर सड़कों पर जमा हो जाता है इससे जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है l अतिक्रमण ग्रस्त क्षेत्रों में सुभाष नगर,बनखंडी,अंतापाड़ा,के आर इंटर कॉलेज मार्ग आदि है उक्त क्षेत्रों से होकर शहर का सबसे बड़ा अंबाखार नाला गुजरता है यह अधूरा पड़ा है l
नाला निर्माण अधूरा होने से पानी बैक मारकर सड़कों पर आता है और जलभराव की समस्या को उत्पन्न करता है l
कृष्ण नगरी को बड़े ड्रेनेज सिस्टम की है आवश्यकता
धार्मिक नगरी मथुरा-वृंदावन को एक बड़े ड्रेनेज सिस्टम की आवश्यकता है इसके लिए संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में बड़े स्तर पर नालों का जाल बिछाना होगा l पूर्व में बनाए गए नाले तकनीकी रूप से भी अक्षम है किसी का एलाइनमेंट ठीक नहीं है तो किसी का सेक्शन कम है l वैसे भी जनसंख्या के बढ़ते दबाव के चलते शहर को आगामी 50 वर्ष के लिहाज से ड्रेनेज सिस्टम चाहिए l
"नगर निगम सक्रियता से जलभराव की समस्या से निजात के लिए प्रयास कर रही है क्योंकि लगातार 3 दिन से बारिश हो रही है इस कारण जलभराव हो रहा है नगर निगम द्वारा व्यवस्थित रूप से पंप सेट चलाएं जा रहे हैं शहर का विकास हो रहा है जगह-जगह कार्य चल रहे हैं इस कारण भी नालों पर पानी का बोझ अधिक है।"
अनुनय झा, आयुक्त
नगर निगम मथुरा-वृंदावन