
ससुराल का सहयोग बना सफलता की कुंजी
बरेली।एक साधारण से परिवार ने असाधारण सफलता की कहानी लिख दी है। पहले बेटे ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में चयन पाकर परिवार का नाम रोशन किया और अब उसी बेटे की पत्नी ने UPSC 2024 में 76वीं रैंक हासिल कर पूरे जिले का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। हम बात कर रहे हैं आईएएस सूर्य प्रताप सिंह और उनकी पत्नी कल्पना रावत की। कल्पना रावत ने UPSC परीक्षा 2024 में 76वीं रैंक प्राप्त कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया है। उनके इस ऐतिहासिक सफलता ने बरेली को गौरवान्वित कर दिया है।
रिछा क्षेत्र में रहने वाले अधिवक्ता व समाजसेवी बाबूराम गंगवार के घर अब दो-दो आईएएस अफसर हैं। उनके बेटे सूर्य प्रताप सिंह ने वर्ष 2021 में UPSC परीक्षा पास की थी और अब उनकी बहू कल्पना रावत ने 2024 में यह कमाल कर दिखाया है। यह उपलब्धि केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे जिले और राज्य के लिए गर्व का विषय बन चुकी है। जैसे ही रिजल्ट आया, परिवार और आस-पड़ोस में जश्न का माहौल छा गया। बधाइयों का तांता लग गया, और मीडिया से लेकर आमजन तक सभी ने कल्पना की इस उपलब्धि को सराह, कल्पना रावत की यह सफलता किसी इंस्टिट्यूट या कोचिंग सेंटर की मोहताज नहीं रही। उन्होंने पूरी तैयारी यूट्यूब और टेलीग्राम जैसे डिजिटल माध्यमों से की। वह दिन में घंटों सेल्फ स्टडी करती थीं और सोशल मीडिया से खुद को पूरी तरह दूर रखा।
यह उनका तीसरा प्रयास था, और इस बार उन्होंने अपने लक्ष्य को साध लिया। इस सफर में उनके पति सूर्य प्रताप सिंह ने उन्हें लगातार मार्गदर्शन और प्रोत्साहन दिया।कल्पना रावत की शादी सूर्य प्रताप सिंह से 6 दिसंबर 2024 को हुई थी। आमतौर पर शादी के बाद लड़कियों की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं, लेकिन कल्पना ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता दी और UPSC की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने सिद्ध कर दिया कि शादी कोई रुकावट नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत हो सकती है अगर जीवनसाथी साथ दे। पति सूर्य प्रताप सिंह का पूरा सहयोग और परिवार का स्नेह, इस सफलता के अहम स्तंभ बने।कल्पना रावत मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से हुई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज से राजनीति शास्त्र में स्नातक और फिर परास्नातक की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी। उनके पिता कृष्ण कुमार एक मेहनती व्यक्ति हैं और मां अनिल देवी एक गृहिणी हैं। एक साधारण परिवार की बेटी ने असाधारण सफलता हासिल कर यह साबित कर दिया सही दिशा में की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।
कल्पना को ससुराल से भी पूरा सहयोग मिला। उनके ससुर बाबूराम गंगवार एक प्रसिद्ध अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में विश्वास रखते हैं। उनकी सास एक फैशन डिज़ाइनर हैं और ननद अदिति थिएटर और मॉडलिंग से जुड़ी हैं। एक प्रगतिशील परिवार में रहकर कल्पना को पढ़ाई के लिए उपयुक्त वातावरण मिला, जिसने उनकी सफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।