
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल और दिल्ली विस्फोट मामले में शामिल सभी लोगों को कड़ी सज़ा देने की वकालत की लेकिन साथ ही यह भी आग्रह किया कि निर्दाेष नागरिकों को नुकसान न पहुँचाया जाए।
मैंने कल उत्तरी क्षेत्र के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में भी यह मुद्दा उठाया था। केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, उत्तरी क्षेत्र के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल वहाँ मौजूद थे। मैंने उनसे अपील की कि वे जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक खासकर हर कश्मीरी मुसलमान को शक की नज़र से न देखें ।
अब्दुल्ला ने पिछले हफ़्ते कहा था कि दिल्ली विस्फोट के दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जम्मू-कश्मीर की पूरी आबादी को आतंकवाद का समर्थक नहीं कहा जा सकता।
10 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास विस्फोटकों से लदी एक कार में हुए विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस कार को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी चला रहे थे।
मुख्यमंत्री ने आकस्मिक विस्फोट में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों से भी मुलाकात की और दुख की इस घड़ी में सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
अब्दुल्ला ने कहा कि मॉड्यूल, खासकर दिल्ली विस्फोट में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कड़ी सजा दी जानी चाहिए लेकिन निर्दाेष लोगों जिनका इससे कोई संबंध नहीं है और जिन्होंने हमेशा हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई है उन्हें इस दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि केंद्र उनकी बातों पर ध्यान देगा।
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