मुझे फूलन देवी बनने को मजबूर न करें… कुलदीप सेंगर की रिहाई पर उन्नाव रेप पीड़िता ने दी चेतावनी

Unnao Rape Case : उन्नाव की 24 वर्षीय रेप सर्वाइवर ने अपनी जिंदगी के आठ कठिन वर्षों का सामना किया है। वह वर्तमान में अपने ठीक बगल में बैठी महिला अधिकार एक्टिविस्ट योगिता भयाना से पूछती हैं, “छूट जाएंगे मैम…?” जवाब में योगिता कहती हैं, “छूट जाएंगे क्या?” इस पर वह फिर से पूछती हैं, “छूट जाएंगे क्या?”

उनकी यह बातचीत उस समय हो रही है जब हम उनके वकील महमूद प्राचा के दफ़्तर में उनके साथ हैं। दफ़्तर के अंदर एक बड़े हॉल में वकीलों की टीम चर्चा कर रही है कि दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब उनकी आगे की रणनीति क्या होगी। वहीं, सर्वाइवर, उनकी मां, मीडिया कर्मी और योगिता भयाना की टीम पास के कमरे में बैठी है।

हमने उनसे पूछा कि क्या उन्हें पता चला है कि सीबीआई दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है। इस पर उन्होंने कहा, “सीबीआई उस टाइम क्या कर रही थी…जिस टाइम बहस चल रही थी। अब तो हर बेटी की हिम्मत टूट चुकी है। रेप होगा तो या तो मार दी जाएंगी या फिर दोषी को सज़ा होगी और वो पांच साल बाद बाहर आ जाएगा। इस ऑर्डर को देखते हुए तो हर बेटी की हिम्मत टूट चुकी है।”

इस बहादुर लड़की ने बताया कि पिछले आठ सालों में उनकी जिंदगी कई चुनौतियों से गुजर चुकी है। रेप, गैंगरेप, पुलिस कस्टडी में पिता की मौत, सड़क हादसे में दो रिश्तेदारों और वकील की जान जाना, और अस्पताल में छह महीने लंबी लड़ाई—सब कुछ एक के बाद एक हुआ। इन वर्षों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी, मुकदमों का चलना, फैसले आना, और सज़ा सुनाई जाना सब हुआ।

लेकिन, दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले से पीड़िता की नाराजगी साफ दिख रही है। खासकर जब कोर्ट ने रेपिस्ट कुलदीप सेंगर को रिहा कर दिया, तो पीड़िता ने कहा कि उसे “भूलनदेवी” बनने के लिए मजबूर न किया जाए। उसकी यह पीड़ा और संघर्ष आज भी उसकी बातों में झलक रहा है।

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