
Donald Trump : डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी के बीच की नाराजगी और भी ज्यादा बढ़ गई है। इस साल डोनाल्ड ट्रंप Quad समिट में भाग लेने के लिए दिल्ली नहीं आएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का भारत का दौरा रद्द हो गया है।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) ने 12 भारतीय और अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है। NYT ने बताया है कि 17 जून को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान ट्रंप ने भारत से भी उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने का आग्रह किया था, जिससे भारतीय प्रधानमंत्री नाराज हो गए थे।
NYT ने कहा है कि इस बातचीत में मोदी ने ट्रंप को स्पष्ट रूप से कह दिया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुई सीजफायर समझौते का अमेरिका या ट्रंप का कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, ट्रंप ने मोदी से कहा था कि वे इस साल के अंत में भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली आएंगे, लेकिन अब उनका भारत आने का कोई इरादा नहीं है। ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ भी लगा दिए हैं।
NYT का दावा है कि डोनाल्ड ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार के लिए मुहिम चला रहे हैं, लेकिन भारतीय नेता के नामांकन से इनकार करने के कारण उनकी कोशिशें प्रभावित हो गई हैं। पाकिस्तान ने उन्हें नामित किया है, लेकिन भारत का इनकार उनके दावों को कमजोर कर देता है। इसके साथ ही, भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। भारत का अमेरिका को सालाना करीब 85 अरब डॉलर का निर्यात है, जिस पर यह टैरिफ लगने से भारतीय कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान हो सकता है। भारत ने अभी इसका जवाब चुप्पी और वैकल्पिक बाजारों की तलाश से दिया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि रणनीतिक साझेदारी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
यदि ट्रंप भारत नहीं आते हैं, तो न केवल इस वर्ष का क्वाड शिखर सम्मेलन स्थगित हो सकता है, बल्कि क्वाड का भविष्य भी संकट में पड़ सकता है। क्वाड का गठन 2007 में हुआ था और 2017 में इसे पुनः सक्रिय किया गया था, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का मुकाबला करना है। लेकिन ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने इस गठबंधन को गहरा झटका पहुंचाया है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए, क्वाड का भविष्य खतरे में दिखाई दे रहा है।
सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि ट्रंप की टैरिफ नीतियों का प्रभाव ऑस्ट्रेलिया और जापान पर भी पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया, जो क्वाड का एक महत्वपूर्ण सदस्य है, चीन की व्यापार नीतियों से परेशान था, लेकिन घरेलू आर्थिक चुनौतियों और मंदी की आशंका के चलते उसने चीन के साथ समझौते कर लिए हैं। हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच 200 अरब डॉलर से अधिक के व्यापार समझौते पुनः सक्रिय हुए हैं, जिससे कैनबरा का क्वाड में रहना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
जापान भी ट्रंप की व्यापारिक नीतियों से नाराज है। अमेरिका ने जापानी ऑटोमोबाइल्स और टेक्नोलॉजी उत्पादों पर 20% टैरिफ लगा दिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। जापान ने मोदी के टोक्यो दौरे से पहले अपने व्यापार प्रतिनिधिमंडल का अमेरिका दौरा रद्द कर दिया है। वहीं, जापान ने भारत के साथ अपने सामरिक संबंध मजबूत करने का फैसला किया है, जिसमें 42 अरब डॉलर का इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और रक्षा सहयोग शामिल हैं। इन परिस्थितियों में, क्वाड का भविष्य अनिश्चितता के घेरे में है।
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