
Who is Sergio Gor : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक करीबी विश्वसनीय को भारत के नए राजदूत के रूप में नियुक्त किया है। उन्होंने सर्जियो गोर का नाम इस पद के लिए घोषित किया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने 39 वर्षीय सर्जियो गोर को भारत में अमेरिका का राजदूत बनाना स्वीकार किया है। गोर एरिक गार्सेटी की जगह लेंगे और वर्तमान में व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंशियल पर्सनल डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उज्बेकिस्तान के ताशकंद में जन्मे गोर रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े रहे हैं और ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। हालांकि, उनका नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है।
सर्जियो गोर का सफर कैसा रहा?
गोर का जन्म ताशकंद, उज्बेकिस्तान में हुआ था। साल 1999 में उनका पूरा परिवार अमेरिका स्थानांतरित हो गया। उन्होंने लॉस एंजिल्स में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और बाद में वाशिंगटन विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया।
राजनीति में दिलचस्पी कब से?
जब वह विश्वविद्यालय में थे, तभी से राजनीति में रुचि लेने लगे। शुरुआत में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी ज्वाइन की और कई अमेरिकी सांसदों के साथ काम किया। इससे उनकी पहचान बनी। बाद में वे रिपब्लिकन पार्टी के प्रवक्ता के रूप में जाने जाने लगे। साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान उनकी मुलाकात ट्रंप से हुई और वे अभियान का एक प्रमुख चेहरा बन गए।
ट्रंप के भरोसेमंद लोगों में शामिल
माना जाता है कि सर्जियो गोर वर्तमान में डोनाल्ड ट्रंप के बेहद करीबी और भरोसेमंद सलाहकारों में से एक हैं। इसी वजह से उन्हें भारत में अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया गया है। साथ ही, उन्हें साउथ और सेंट्रल एशिया के मामलों के विशेष दूत (एनवॉय फॉर साउथ एंड सेंट्रल एशियन अफेयर्स) की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है, जिससे वह भारत के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और पूरे क्षेत्र में रणनीतिक भूमिका निभा सकते हैं।
सर्जियो गोर का नाम हाल के समय में विवादों से जुड़ा रहा है। उन पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें रूस के जासूस होने का भी आरोप शामिल है। यहां तक कि, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी उन्हें “सांप” कहा था। इसके अलावा, उनके जन्मस्थान को लेकर भी गलत जानकारी साझा करने का आरोप लगा है।
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