डोईवाला: हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में बिना सर्जरी के हार्ट वॉल्व प्रतिस्थापन

डोईवाला। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के हृदय रोग विभाग के चिकित्सकों ने नई तकनीक तावी (ट्रांस कैथेटर अओर्टिक वॉल्व इंप्लांटेशन) के जरिए एक मरीज के ओपन सर्जरी किए बगैर हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट में सफलता पाई है। पहली बार तावी तकनीक से एक 80 वर्षीय बुजुर्ग के हार्ट का वॉल्व बदला गया। बुजुर्ग पूरी तरह से स्वस्थ है और उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के हृदय रोग विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अनुराग रावत ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व 80 वर्षीय वृद्ध उनकी ओपीडी में आए। वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.अनुराग रावत ने बताया कि आमतौर पर अब तक ओपन हार्ट सर्जरी से उपचार किया जाता था।

लेकिन, रोगी की उम्र अधिक होने के कारण मरीज सर्जरी के लिए अनफिट थे। ऐसे में रोगी के हार्ट वॉल्व रिप्लेसमेंट व उपचार के लिए पहली बार तावी तकनीक का इस्तेमाल किया गया। तावी तकनीक में एऑर्टिक वाल्व का प्रत्यारोपण बिना चीरे, बिना बेहोशी एंजियोग्राफ़िक विधि से किया जाता है। जिसे ट्रांस कैथेटर एऑर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन कहा जाता है।

वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.अनुराग रावत ने कहा कि बढ़ती उम्र और लोगों की बिगड़ती जीवनशैली के कारण बीमारियों का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन साथ ही, हमारे डॉक्टरों और चिकित्सा विज्ञान की उन्नत तकनीक की मदद से इलाज भी बहुत सरल और सुलभ होता जा रहा है। स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के अध्यक्ष डॉ. विजय धस्माना ने पूरे हृदय रोग विभाग को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के उच्च स्तरीय प्रोसीजर कर के विभाग ने आम जन की सेवा करते हुए नए आयाम को छूआ है।

हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के निदेशक (स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ. हेमचंद्र पांडे ने कहा कि हृदय रोगियों के लिए तावी तकनीक वरदान साबित होगी। अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के तहत गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है।

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