
इंदौर : इंदौर के डॉग लवर्स शहर में कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ आंदोलन की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने शहरों में शेल्टर होम बनाकर आवारा कुत्तों को वहीं रखने के निर्देश दिए हैं, लेकिन नगर निगम कुत्तों को पकड़कर जंगलों में छोड़ रहा है। इससे वन्यजीवों में रैबीज फैलने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि यदि कोई जंगली जानवर संक्रमित कुत्ते का शिकार करता है, तो बीमारी फैल सकती है। डॉग लवर्स का यह भी कहना है कि वे भी शहर में कुत्तों की संख्या नियंत्रित करना चाहते हैं, लेकिन नसबंदी की प्रक्रिया सही ढंग से नहीं की जा रही। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जयपुर और गोवा में ईमानदारी से बर्थ कंट्रोल के प्रयास किए गए, इसलिए वहां समस्या कम है।
बेहसहारा कुत्तों की देखभाल के लिए शेल्टर होम चलाने वाली भावना जादौन ने कहा कि कुत्तों को एक इलाके से पकड़कर दूसरे स्थान पर छोड़ने से समस्या कभी खत्म नहीं होगी, क्योंकि खाली क्षेत्र में दूसरे कुत्ते आ जाते हैं। बेहतर समाधान यह है कि उनका सही तरीके से टीकाकरण और नसबंदी की जाए, लेकिन इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम ने अभी तक पर्याप्त शेल्टर होम नहीं बनाए और पकड़ाई शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों के लिए शहरों में फीडिंग प्वाइंट बनाने को भी कहा है, लेकिन इसका भी पालन नहीं हो रहा। शहर में घर-घर से कचरा उठने के कारण कुत्तों को भोजन नहीं मिल पाता, जिससे वे भूखे होकर अधिक गुस्सैल हो जाते हैं।















