काले गेहूं के रुप में होगी जनपद की पहचान : डीएम

जिला प्रशासन ने इस वर्ष 500 हेक्टेयर काला गेहूं उत्पादन का लक्ष्य किया निर्धारित 

भास्कर समाचार सेवा
मैनपुरी। डीएम अविनाश कृष्ण सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन, एफपीओ, आत्मा एवं कृषि विभाग की संचालित अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक में कहा कि जनपद आगामी 02 वर्ष काला गेहूं उत्पादन का हब बनेगा, जनपद की पहचान काले गेहूं के रुप में होगी, जिला प्रशासन ने इस वर्ष 500 हेक्टेयर काला गेहूं उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, लक्ष्य की पूर्ति के लिए अधिक से अधिक किसानों को इससे जोड़कर काले गेहूं की पैदावार बढ़ेगी। उन्होंने उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के प्रगतिशील किसानों, एफपीओ के संगठनों को काले गेहूं के उत्पादन से जोड़ा जाए, जो भी प्रगतिशील किसान, एफपीओ काला गेहूं उत्पादन के इच्छुक हों, उन्हें बीज की उपलब्धता सहित अन्य सभी सुविधाएं कृषि विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने बीज वितरण की समीक्षा के दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों, राष्ट्रीय कृषि बीज भंडार के प्रभारियों को निर्देशित करते कहा कि निःशुल्क बीज वितरण में लापरवाही न बरती जाए, बीज वितरण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाये, सभी पात्र किसानों को निःशुल्क बीज योजना का लाभ मिले।   
        डीएम ने कहा कि काला गेहूं स्वास्थ्य के लिए रामबाण औषधि के रूप में कार्य करेगा, काला गेहूं में प्रोटीन, मैग्नीशियम, फायबर, फॉस्फेट, सिलेनियम, जिंक, कैल्शियम, ऑयरन, पोटेशियम सहित अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, यह ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, नये ऊतक के निर्माण, एनीमिया, कॉलेस्ट्रोल आदि बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि जनपद में काला गेहूं उत्पादन में अपने संसाधनो से सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले 03 प्रगतिशील किसानों, एफपीओ के संगठनों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा साथ ही राज्य स्तरीय पुरस्कार हेतु शासन में उनके नाम प्रस्तावित किये जायेंगे। उन्होंने फसल बीमा कंपनी के प्रतिनिधि, कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि विगत दिनों हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों में हुये नुकसान का तत्काल आकलन कराकर किसानों से दावे प्राप्त कर तत्काल कृषकों को बीमा राशि का भुगतान कराया जाये।
         जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ प्रगतिशील कृषकों, कृषि उत्पादन संगठनों के पदाधिकारियों से कहा कि फसल अवशेष खेतों में  जलाने से बचें, कृषक भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के बारे में सोचें, फसल अवशेष खेतों में जलाकर सूक्ष्म जीवाणुओं को क्षति न पहुॅचाएं, भूमि की उर्वरा शक्ति को प्रभावित न करें। उन्होने कहा कि पराली का प्रयोग जैविक खाद बनाने में करें, अपने समीपवर्ती गौशालाओं को उपलब्ध करायें, अपने पालतू पशुओं को चारे के रूप में खिलाएं, फसल अवशेष जलाकर पर्यावरण प्रदूषण न करें, समय-समय पर निर्गत न्यायालयों के आदेशों का पालन करें, ऐसा कोई कृत्य न करें, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण हो।
     बैठक में भू-क्रांति उत्पादक कंपनी वेबर के प्रतिनिधि ने 150 से 200 हे., अरबिटा एग्रो फार्मर्स मैनपुरी, घिरोर फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी द्वारा 50-50 हे., इंडियन टेक्निकल फार्मर प्रोड्यूसर किशनी द्वारा 20 हे., बरनाहल फार्मर प्रोड्यूसर द्वारा 10 हे., काला गेहूं उत्पादन हेतु सहमति प्रदान की वहीं नगला कैल जागीर नि. प्रगतिशील कृषक मेघ सिंह द्वारा अपने निजी संसाधनों से 50 हे. काला गेहूं उत्पादन की सहमति प्रदान की। इस अवसर पर सीडीओ विनोद कुमार, डिप्टी कलेक्टर नरेन्द्र सिंह, उप कृषि निदेशक डी.वी. सिंह, अग्रणी जिला प्रबन्धक अनिल प्रकाश तिवारी, जिला कृषि अधिकारी सूर्यप्रताप, भूमि संरक्षण अधिकारी विजय सिंह, नवार्ड के प्रतिनिधि अनुपम दत्ता, प्रगतिशील कृषक आदि उपस्थित रहे।

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