
सिद्धार्थनगर। जिले के दवा व्यापारियों ने केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी 2.0 में की गई दर कटौती को उपभोक्ताओं के लिए राहतकारी बताते हुए इसे छोटे व्यापारियों के लिए नुकसानदेह बताया है। इस संबंध में दवा विक्रेता समिति जिलाध्यक्ष मो. जमील सिद्दिकी द्वारा बुधवार को भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भेजकर समस्या के समाधान की माँग की है।
भेजे गए ज्ञापन में बताया गया है कि दवा व्यापारियों पहले उच्च जीएसटी दर पर दवाइयाँ खरीद चुके हैं। अब जब सरकार ने दरें घटा दी हैं तो उन्हें पुराना स्टॉक कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है। चूँकि अधिकांश छोटे व्यापारी या तो जीएसटी में पंजीकृत नहीं हैं अथवा कम्पोजिट डीलर हैं, इसलिए उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन उन्हें सीधा आर्थिक घाटा उठाना पड़ रहा है।
जीएसटी दरों की कटौती (18 से 5 प्रतिशत, 12 से 0 प्रतिशत, 12 से 5 प्रतिशत) से जहाँ उपभोक्ताओं को राहत मिली है, वहीं छोटे विक्रेताओं की स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। खासकर तब, जब दवाइयों पर लाभांश (मार्जिन) पहले से ही एनपीपीए द्वारा नियंत्रित है।
व्यापारियों ने सरकार से माँग की है कि उच्च दर पर खरीदे गए पुराने स्टॉक के लिए मुआवज़ा अथवा विशेष राहत तंत्र उपलब्ध कराया जाए। अन-पंजीकृत व कम्पोजिट डीलरों को भी अस्थायी रूप से कुछ राहत या आंशिक आईटीसी लाभ दिया जाए। छोटे दवा व्यापारियों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें स्थायी समाधान प्रदान किया जाए। व्यापारियों ने आशा व्यक्त की है कि केंद्र सरकार उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करेगी।