पराली जलाने की घटनाओं पर जिलाधिकारी उठाये ठोस कदम

  • मुख्य सचिव ने दिये डिजिटल क्रॉप सर्वे 10 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश

Lucknow : पराली एवं फसल अपशिष्ट जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। पराली जलाने की घटनाओं की सैटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारियों ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठायें। मुख्य सचिव एस.पी.गोयल ने मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिए।

डिजिटल क्रॉप सर्वे कार्य की प्रगति के समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जिलाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन समीक्षा कर सर्वे कार्य को आगामी 10 अक्टूबर तक पूरा कराया जाए। सत्यापन वेरीफिकेशन का कार्य भी समानांतर रूप से चलाते हुए 15 अक्टूबर तक पूरा कराया जाए। यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेला के संबंध में उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में 18 अक्टूबर तक यह मेला आयोजित किया जाए। मेले में जीएसटी बचत उत्सव, जन उपयोगी योजनाओं और कार्यक्रमों से संबंधित स्टॉल लगाकर लोगों को जागरूक किया जाए।

इस मेले से स्थानीय हस्तशिल्पियों और कारीगरों को स्थानीय स्तर पर बाजार उपलब्ध होगा जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। बैठक में बताया गया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए कुल 90,153 ग्रामों में से 87,203 ग्रामों 96.73प्रतिशत सर्वे का कार्य शुरू हो चुका है।

20,257 ग्रामों में 22.47प्रतिशत सर्वे पूर्ण हो चुका है। बैठक में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई आलोक कुमार, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र, सचिव एमएसएमई प्रांजल यादव, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद कंचन वर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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