
लखनऊ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए तैयार किए गए दस्तावेज और ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक किया जाना चाहिये। पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल विहारी वाजपेई सरकार में विद्युत सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी ई.ए.एस.शर्मा ने डिस्कॉम एसोशिएशन की निजी घरानों और मीटर आपूर्तिकर्ता कंपनियों से संलिप्तता तथा फंडिंग को लेकर सवाल उठाये है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने यह जानकारी दीं।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की योगी आदित्यनाथ की सरकार में उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है और कुछ निजी घरानों से मिलीभगत में निजीकरण का आरएफपी डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। अटल बिहारी वाजपेई सरकार में विद्युत सचिव रहे पूर्व आईएएस अधिकारी ई.ए.एस.शर्मा ने ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन को एक ई.मेल भेजकर इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया है कि पूर्व विद्युत सचिव आलोक कुमार ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन के साथ कैसे संबंध हो गए जबकि उन्हें यह अच्छी तरह जानकारी है कि ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन निजीकरण और स्मार्ट मीटर आपूर्तिकर्ता कंपनियों की लाबीइंग ;पैरवी करेगा । मेल में लिखा है कि ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोशिएशन की फंडिंग के विषय में भी इन्वेस्टिगेशन करना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण का देश का सबसे बड़ा निजीकरण का प्रयोग किया जा रहा है तब उपभोक्ता और किसान यह अपेक्षा रखते हैं कि निजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी होगी और निजीकरण से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएंगे।