खुलासा : प्लास्टिक में मौजूद थेलेट्स बना जानलेवा, दिल की बीमारियों से हुई एक लाख मौतें


नई दिल्ली : हाल ही में एक अध्ययन में यह खुलासा किया गया है कि थेलेट्स, जो प्लास्टिक उत्पादों को नरम और लचीला बनाने में उपयोग होते हैं, हृदय रोगों के लिए प्रमुख जिम्मेदार तत्व बन गए हैं। खासकर घरेलू उपयोग की प्लास्टिक वस्तुओं में इनका इस्तेमाल किया जाता है, जो लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं।

थेलेट्स से हृदय रोग की बढ़ती घटनाएं

2018 में भारत में हृदय रोगों से 1,03,587 मौतें हुईं, जिनमें से अधिकांश मौतों के पीछे थेलेट्स का प्रमुख हाथ था। वहीं, दुनियाभर में थेलेट्स के कारण 3.5 लाख से अधिक मौतें दर्ज की गईं। अध्ययन के अनुसार, 55-64 वर्ष के आयु वर्ग में थेलेट्स के कारण होने वाली मौतों की संख्या सबसे ज्यादा थी। यह आंकड़ा चिंताजनक है और दिखाता है कि कैसे प्लास्टिक उत्पादों का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

अध्ययन का विवरण

यह अध्ययन ‘ईबायोमेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और इसमें न्यूयार्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने थेलेट्स के दुष्प्रभावों का गहन विश्लेषण किया है। शोधकर्ताओं ने 200 देशों और क्षेत्रों से प्राप्त स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधित डेटा का विश्लेषण किया। विशेष रूप से एक थेलेट को ध्यान में रखा गया, जिसे डाइ-2-एथिलहेक्सिल थेलेट (DEHP) कहा जाता है। यह रसायन खासकर खाद्य कंटेनरों और अन्य प्लास्टिक वस्तुओं में पाया जाता है।

थेलेट्स के प्रभाव : दक्षिण एशिया और एशिया के अन्य क्षेत्रों में अधिक प्रभाव

अध्ययन में यह पाया गया कि 3.5 लाख मौतों में से तीन चौथाई मौतें विशेष रूप से दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत महासागर क्षेत्रों में हुईं। इन क्षेत्रों में थेलेट्स के प्रभाव के कारण हृदय रोगों का खतरा ज्यादा बढ़ा है। इसके कारण लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

थेलेट्स का उपयोग और स्वास्थ्य पर प्रभाव

थेलेट्स का उपयोग मुख्यतः प्लास्टिक को नरम बनाने के लिए किया जाता है। यह खाद्य पैकेजिंग, प्लास्टिक कंटेनरों, पाइप्स और अन्य घरेलू वस्तुओं में पाया जाता है। हालांकि, लगातार इन पदार्थों के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जिसमें हृदय रोग, कैंसर, हार्मोनल असंतुलन और अन्य रोग शामिल हैं।

सावधानी और भविष्य की दिशा

यह अध्ययन एक चेतावनी के रूप में सामने आया है कि प्लास्टिक उत्पादों में शामिल थेलेट्स का लंबे समय तक सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे निपटने के लिए थेलेट्स की जगह सुरक्षित विकल्पों का इस्तेमाल करना जरूरी है और प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग पर पुनः विचार करना आवश्यक है।

आखिरकार, यह अध्ययन हमें याद दिलाता है कि हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले सामानों का स्वास्थ्य पर प्रभाव सिर्फ तभी सामने आता है जब हम उसके दुष्प्रभावों को गहराई से समझते हैं और उनसे बचने के उपाय अपनाते हैं।

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