
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मातृभूमि योजना’ ग्रामीण विकास और जनभागीदारी को नई दिशा दे रही है। इसी योजना के तहत लखनऊ की प्रसिद्ध दिव्यांग फुट पेंटर एवं कलाकार शीला शर्मा अब उन्नाव जनपद के मोहान क्षेत्र में एक आर्ट सेंटर और गैलरी की स्थापना करने जा रही हैं। मातृभूमि योजना के अंतर्गत मिली 7 लाख रुपये की आर्थिक सहायता से यह केंद्र दिसंबर माह में प्रारंभ होगा।
यह आर्ट सेंटर केवल एक प्रशिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि ग्रामीण और दिव्यांग बच्चों के लिए आशा, आत्मनिर्भरता और प्रेरणा का केंद्र बनेगा। यहां चित्रकला, मूर्तिकला, लोक कला, हस्तशिल्प और डिजाइनिंग जैसी विधाओं का विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निःशुल्क कला सामग्री और प्रोत्साहन भत्ता भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा संसाधनों के अभाव में अपनी प्रतिभा से वंचित न रहे।
माननीय पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर जी ने कहा कि मातृभूमि योजना का उद्देश्य जनता को विकास का भागीदार बनाना और ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर देना है। शीला शर्मा का यह प्रयास अदम्य साहस और आत्मबल का उदाहरण है, जो हजारों बच्चों के भविष्य को नई दिशा देगा।
निदेशक पंचायती राज अमित कुमार सिंह जी ने कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि प्रदेश की हर प्रतिभा को संसाधन और सही मार्गदर्शन मिले। मातृभूमि योजना के माध्यम से ऐसे प्रेरणादायक मॉडल पूरे प्रदेश में विकसित होंगे।
दिव्यांग कलाकार शीला शर्मा ने कहा कि ग्रामीण बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती, बस उन्हें मंच और अवसर की आवश्यकता होती है। मातृभूमि योजना ने उनके सपने को साकार किया है और यह आर्ट सेंटर अब सैकड़ों सपनों की उड़ान बनेगा। उन्होंने बताया कि यह आर्ट गैलरी गुरु पद्मश्री रणवीर सिंह बिष्ट एवं प्रसिद्ध वॉश पेंटिंग कलाकार बी.एन. आर्य की स्मृति को समर्पित होगी, जहां नई पीढ़ी को भारतीय कला की महान परंपरा से प्रेरणा मिलेगी।












