दीनू को जमानत, लेकिन जेल से आजादी नहीं… पिंटू सेंगर हत्याकांड में हाईकोर्ट से सशर्त जमानत

  • पितृपक्ष में पंजीकृत हुआ था दीनू उपाध्याय का गैंग
    भास्कर ब्यूरो
    कानपुर। पिंटू सेंगर हत्याकांड में धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू को हाईकोर्ट से शर्तों के साथ जमानत मिल गई है। बावजूद, दीनू को अभी जेल से आजादी नहीं मिलेगी। कारण कई अन्य मुकदमों में जमानत याचिका विचाराधीन है। गौरतलब है कि, जेल के अंदर से गिरोह को संचालित करने के आरोप में दीनू उपाध्याय को सोनभद्र जेल स्थानांतरित किया गया है।

हत्या के चार साल बाद हुई थी गिरफ्तारी
चकेरी के मंगला विहार निवासी बसपा नेता नरेंद्र सिंह सेंगर उर्फ पिंटू सेंगर को कोविड काल में 20 जून 2020 को जेके कॉलोनी में सपा के पूर्व नगर अध्यक्ष चंद्रेश सिंह के घर के नीचे गोलियों से भून दिया गया था। इस मामले में दीनू उपाध्याय और बॉर एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह का नाम भी सामने आया था। जांच के दौरान विवेचक ने दोनों को क्लीनचिट थमाई तो मामले की पैरवी करने वाले पिंटू सेंगर के भाई धर्मेंद्र सेंगर ने पुलिस आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस आयुक्त के आदेश पर अग्रिम विवेचना हुई तो दीनू को हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोपी पाया गया था। हत्याकांड में चार साल के लंबे अंतराल के बाद आठ मई की रात धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद दीनू के खिलाफ अन्य कई मुकदमे दर्ज हुए थे। वह अभी भी सोनभद्र जेल में बंद हैं। अब उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिल गई है।

स्थानीय अदालत तय करेगी जमानत की राशि
उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि संबंधित अदालत जितना उचित समझे, इस हिसाब से दो जमानतों के साथ पर्सनल बांड पर जमानत दे सकती है। उच्च न्यायालय ने आदेश में कहा है कि जमानत के दौरान दीनू उपाध्याय किसी तरह साक्ष्यों को प्रभावित नहीं करेगा और किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होगा। साथ ही मुकदमे के दौरान विवेचना में सहयोग करेगा और सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर होंगे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि, शर्तों का पालन नहीं होने पर संबंधित अदालत दीनू उपाध्याय की जमानत निरस्त कर सकती है। शुक्रवार को हाईकोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद है कि, दीनू के अधिवक्ता सोमवार को स्थानीय अदालत में जमानत के लिए हाईकोर्ट के आर्डर के साथ कागजात प्रस्तुत करेंगे।

पितृपक्ष में पंजीकृत हुआ था दीनू का गैंग
पितृ-पक्ष के पहले दिन धीरज उपाध्याय उर्फ दीनू उपाध्याय को गैंग लीडर घोषित करते हुए आईआर 09 इंटररेंज गैंग के रूप में पंजीकृत किया गया था। गैंग में कुख्यात भूमाफिया रामखिलावन समेत 21 सदस्य हैं। फिलवक्त गैंग के गुरु तथा दस गुर्गे जेल के अंदर कैद हैं, जबकि आठ शागिर्द जमानत पर आजाद हैं। दो सदस्यों- सगे भाई पुलिस और जेल से बचने के लिए फरार हैं। पुलिस रिकार्ड के हिसाब से आसपास के जनपदों में रंगदारी वसूलने के साथ-साथ फर्जी कागजात की बदौलत जमीनों को कब्जा करना गैंग का मुख्य जरायम है। रंगदारी नहीं मिलने की स्थिति में गैंग के सदस्य डकैती और लूट जैसी हरकत करने से परहेज नहीं करते हैं। पुलिस रिकार्ड के मुताबिक, दीनू के गैंग में शामिल अधिवक्ताओं में अजय शर्मा उर्फ जडेजा, उपेंद्र भदौरिया, अनूप शुक्ला, अरिदमन सिंह, धर्मेंद्र यादव धर्मू, गोपाल सिंह, नारायण भदौरिया, नीरज दुबे, मनु उपाध्याय, संजय उपाध्याय, स्रोत गुप्ता और विकास सिंह उर्फ विक्की ठाकुर शामिल हैं। इस प्रकार गैंग के गुरु दीनू उपाध्याय समेत 13 अधिवक्ता गैंग के सदस्य हैं।

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