
नई दिल्ली : अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति और मिथिलावासियों की ओर से जंतर-मंतर, पर धरना-प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व अंतर्राष्ट्रीय संयोजक प्रोफेसर अमरेंद्र कुमार झा ने किया, जिसमें हजारों मैथिलों ने हिस्सा लिया। बाद में धरने की अध्यक्षता पं० सुनहरीलाल झा ने की और संचालन राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी इंजीनियर शिशिर कुमार झा ने किया।
इस मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि सनातनी मिथिला को राज्य की मांग करते हुए 100 वर्ष से अधिक हो गए हैं। इस भौगोलिक क्षेत्र में बंगाल से बिहार, उड़ीसा और झारखंड राज्य बन गए, लेकिन मिथिला क्षेत्र लगातार बिहार से अलग होने की मांग कर रहा है।
राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी शिशिर कुमार झा ने कहा कि मैथिलों के लिए “बिहारी” शब्द मिथिला की नैतिक पहचान, नैतिक मूल्य, सभ्यता-संस्कृति, भाषा एवं विकास में बाधक है। बिहार में मैथिलों की पहचान लुप्त होती जा रही है। सरकारी उपेक्षा के कारण दरभंगा में उच्च न्यायालय की बेंच वर्षों से अधर में लटकी हुई है। मैथिलों के मान-सम्मान एवं पहचान के लिए मिथिला राज्य आवश्यक है।
प्रो० अमरेंद्र कुमार झा ने कहा कि यदि शीघ्र ही मिथिला राज्य का गठन नहीं किया गया, तो बिहार से दिल्ली तक जोरदार आंदोलन किया जाएगा। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी विधायकों और सांसदों से मिथिला-मैथिली के लिए अपने प्रयासों और संघर्ष का ब्यौरा मांगा गया है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में पं० सुनहरीलाल झा ने कहा कि मैथिली भाषा संवैधानिक होने के बावजूद राज्य और केंद्र में उपेक्षित है।
मिथिला राज्य अभियानी सविता मिश्रा, डॉ० रजिपाल झा, अंजनि कुमार, भोला झा, सीए वसंत झा ‘वत्स’, प्रदीप झा, मोहन राज झा, साजन झा, संजीव झा पत्रकारने कहा कि मिथिला सरकारी उपेक्षा के कारण गति और दिशा दोनों खो चुका है। शिक्षा और स्वास्थ्य के स्तर में तीव्र पतन हो रहा है। आज़ादी के 78 वर्षों में बेरोजगारी और पलायन में बेहताशा वृद्धि हुई है। सभी मिलें, उद्योग-धंधे बंद हो गए हैं।
ये भी पढ़ें:
दिल्ली : मामूली विवाद में चाकू घोंपकर हत्या, तीन नाबालिग आरोपी गिरफ्तार
https://bhaskardigital.com/delhi-murder-by-stabbing/
राजधानी दिल्ली में सफाई व्यवस्था चरमराई,लोगों में बढ़ रही है आक्रोश
https://bhaskardigital.com/collapsed-in-the-capital-delhi/