
धर्मशाला। कांगड़ा के धर्मशाला में निर्वासित तिब्बती संसद के 17वें कार्यकाल के 10वें सत्र की शुरुआत बुधवार सुबह 9:30 बजे सभापति खेनपो सोनम तेनपेल की उद्घोषणा के साथ हुई। यह सत्र 10 से 18 सितंबर तक चलेगा। उद्घाटन सत्र में स्पीकर खेनपो सोनम तेनपेल, तिब्बती प्रधानमंत्री (सिक्योंग) पेंपा सेरिंग, उपाध्यक्ष डोलमा सेरिंग तेखांग, मंत्रिमंडल सदस्य और सांसद मौजूद रहे।
दलाई लामा संस्था की निरंतरता पर जोर
अपने संबोधन में सभापति ने 15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन में दिए गए दलाई लामा के वक्तव्य का उल्लेख किया, जिसमें संस्था की निरंतरता की पुष्टि की गई थी। उन्होंने सम्मेलन में पारित उस प्रस्ताव को भी दोहराया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि दलाई लामा के अगले अवतार की मान्यता केवल गदेन फोडरंग ट्रस्ट करेगा, न कि चीन।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और चीन पर कटाक्ष
अध्यक्ष ने फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, ब्रिटेन, लिथुआनिया, एस्टोनिया और आइसलैंड द्वारा जारी संयुक्त बयान का जिक्र किया, जिसमें तिब्बती बौद्ध समुदाय के आत्मनिर्णय का समर्थन किया गया और दलाई लामा के पुनर्जन्म में बाहरी हस्तक्षेप को खारिज किया गया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत की उस टिप्पणी का भी हवाला दिया, जिसमें चीन की दखलंदाजी की आलोचना की गई थी।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हालिया तिब्बत यात्रा को उन्होंने “दिखावटी” करार दिया और कहा कि यह केवल प्रचार अभियान था, जिसका मकसद कम्युनिस्ट पार्टी की झूठी छवि प्रस्तुत करना है।
पैनल और समिति का गठन
सत्र के दौरान तिब्बती संसद की नियमावली के अनुसार अध्यक्षों का एक पैनल और अस्थायी समिति गठित की गई।
वार्षिक रिपोर्टें और सराहना
धर्म और संस्कृति विभाग की 2024-25 की वार्षिक संक्षिप्त रिपोर्ट सिक्योंग पेंपा सेरिंग ने प्रस्तुत की। इसमें मठों व ननरियों को पुस्तक वितरण, भिक्षुओं-भिक्षुणियों के लिए छात्रवृत्ति, नोरबुलिंगा संस्थान और तिब्बती प्रदर्शन कला संस्थान की गतिविधियों का उल्लेख था। सांसदों ने खासकर 15वें तिब्बती धार्मिक सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए विभाग की सराहना की। इसके बाद गृह विभाग की 2024-25 की रिपोर्ट भी सदन में रखी गई, जिसकी समीक्षा अगले दिन होगी।
आज के सत्र में यूरोपीय युवा प्रतिनिधिमंडल के डेनमार्क से आए प्रतिभागी पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहे। अध्यक्ष ने दलाई लामा की 90वीं जयंती पर आयोजित दीर्घायु प्रार्थना, “करुणा वर्ष” के वैश्विक आयोजनों का जिक्र किया और दलाई लामा के प्रति आभार जताने के लिए प्रस्ताव लाने की घोषणा की।
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