
नई दिल्ली। सोने-चांदी के दामों में रिकॉर्ड उछाल के बावजूद इस धनतेरस दिल्ली के सर्राफा बाजारों में 12 से 15 हजार करोड़ रुपये तक के कारोबार की उम्मीद है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार खरीदारी का रुझान पारंपरिक ज्वेलरी से हटकर निवेश आधारित बुलियन (छड़, सिल्ली और सिक्के) की ओर झुका है। इसके चलते चांदी की सिल्ली की उपलब्धता में भी हल्की कमी देखी जा रही है।
धनतेरस को सोना-चांदी खरीदने का शुभ पर्व माना जाता है, इसलिए लोग भविष्य की जरूरत और निवेश दोनों को ध्यान में रखकर खरीदारी कर रहे हैं। इससे इस बार ज्वेलरी बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में 30 से 50 प्रतिशत अधिक बिक्री का अनुमान है। बीते साल 8 से 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था।
आल बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल ने बताया कि इस बार ग्राहक सोने-चांदी की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए निवेश परक खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं। फिलहाल दिल्ली में 24 कैरेट सोना 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था। चांदी भी अब 1,850 रुपये प्रति 10 ग्राम पर है, जो एक साल पहले लगभग 950 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।
दरीबा ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तरुण गुप्ता के अनुसार, इस बार सबसे अधिक मांग सोने की छड़ों की, उसके बाद सिक्कों और फिर ज्वेलरी की है। दाम बढ़ने के कारण लोग हल्के वजन और आकर्षक डिजाइन की ज्वेलरी पसंद कर रहे हैं — जैसे अंगूठियां, झुमके, पोलकी सेट, और नाम-राशि वाले लॉकेट।
इस बार मेकिंग चार्ज पर सिर्फ 5–10% की छूट मिल रही है, जबकि पिछले वर्ष यह 20–50% तक थी। हीरे के गहनों पर अधिकतम 25% तक की छूट दी जा रही है। इसके साथ ही प्लेटिनम और रोज गोल्ड ज्वेलरी की भी अच्छी मांग बनी हुई है।