
नई दिल्ली । जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की दिल्ली क्षेत्रीय इकाई ने 645 करोड़ रुपये के आईटीसी का फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया और मुख्य संचालक को गिरफ्तार किया है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई)की दिल्ली क्षेत्रीय इकाई ने राष्ट्रीय राजधानी में संचालित 229 फर्जी जीएसटी-पंजीकृत फर्मों के एक नेटवर्क के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का धोखाधड़ी से लाभ उठाने और उसे पारित करने के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर डीजीजीआई के अधिकारियों ने पूरे दिल्ली में कई परिसरों में समन्वित तलाशी अभियान चलाया, जिसमें भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और बहीखाते बरामद हुए, जिनसे पता चला कि ऐसी गैर-मौजूद कंपनियां बिना किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति के चालान जारी करने में लगी हुई थीं।
इस अभियान में 162 मोबाइल फोन जिनका इस्तेमाल संभवतः जीएसटी/बैंकिंग उद्देश्यों के लिए ओटीपी प्राप्त करने के लिए किया गया था, 44 डिजिटल हस्ताक्षर और विभिन्न फर्मों की 200 से अधिक चेकबुक शामिल थीं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि ये फर्जी संस्थाएं बिना किसी वस्तु या सेवा की आपूर्ति के चालान जारी करने में लगी हुई थीं, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 645 करोड़ रुपये का अयोग्य आईटीसी फर्जी तरीके से जारी किया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ।












