
नई दिल्ली। भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में सख्ती बरतते हुए डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने एअर इंडिया पर बड़ा कदम उठाया है। परिचालन संबंधी गंभीर खामियों के चलते तीन वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से तत्काल हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है मामला?
DGCA की एक जांच में सामने आया कि 16 और 17 मई 2025 को बेंगलुरु से लंदन (AI133) जाने वाली दो उड़ानों ने निर्धारित 10 घंटे की उड़ान सीमा का उल्लंघन किया। यह सीधे तौर पर उड़ान सुरक्षा और चालक दल के नियमों का उल्लंघन माना गया।
DGCA के निर्देश
- तीनों संबंधित अधिकारियों को चालक दल की समय-सारणी और रोस्टरिंग संबंधी सभी भूमिकाओं से हटाया गया है।
- एअर इंडिया प्रबंधन को 10 दिनों के भीतर आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
- एअर इंडिया के ‘जवाबदेह प्रबंधक’ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
- नोटिस में पूछा गया है कि क्यों न उनके खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की जाए?
- अधिकारी को 7 दिनों के भीतर जवाब देना होगा।
DGCA का कड़ा रुख
DGCA ने यह स्पष्ट किया है कि फ्लाइट ऑपरेशन में किसी भी प्रकार की लापरवाही यात्रियों की सुरक्षा और उड़ान के नियमों के लिए खतरा है। इसलिए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत और कड़ी कार्रवाई जरूरी है।
क्यों है यह मुद्दा गंभीर?
- चालक दल की अधिक समय तक ड्यूटी से उड़ान सुरक्षा पर असर पड़ता है।
- यह नियमों के तहत तय ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (DTL) का सीधा उल्लंघन है।
- इससे क्रू थकान (Fatigue) और मानव त्रुटियों की आशंका बढ़ती है।