
- सपा मुखिया के बयान पर डिप्टी सीएम का पलटवार, बोले कॉपी-पेस्ट की राजनीति कर रहे हैं अखिलेश
Lucknow : सपा मुखिया अखिलेश यादव की राजनीति अब इतनी कृत्रिम हो गई है, मानो चैट जीपीटी से बनी हो। उनके पास न विजन है, न जमीन और न ही जज्बा। वो अब सिर्फ कॉपी पेस्ट की राजनीति कर रहे हैं। उनके बयान और विचार दूसरों के हैं और चिंता सिर्फ कुर्सी की है।
सपा जाति और धर्म के नाम पर समाज को बांटने का काम करती है और भाजपा सबका साथ सबका विकास की विचारधारा पर विकास पथ पर अग्रसर है। यह कहना है प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का।
शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान के बाद पलटवार करते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सर को लेकर डरे हुए हैं। प्रदेश में घुसपैठियों की पहचान और उन्हें मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू होते ही सपा नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जाति का कार्ड खेलकर घुसपैठियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। लगातार हार के बाद अखिलेश यादव यूपी में जातिगत गोलबंदी कर अपनी खोई हुई जमीन प्राप्त करने को प्रयासरत हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा आरएसएस को देश में बैन करने की बात की गई है। आरएसएस को बैन करने बात सिर्फ वही कर सकता है, जिसे भारत की एकता और सनातन संस्कृति से भय हो। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की मानसिकता पीएफआई और सिमी का समर्थन करती है। वर्ष 2013 में जब प्रदेश में सपाई सरकार थी, तब सात जिलों में आतंकवाद से जुड़े 14 केस एक साथ वापस लिए गए थे। सपा का इतिहास गवाह है कि उसे आतंकवाद से नहीं बल्कि राष्ट्रवाद से डर लगता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि आज प्रदेश में बेटियां सुरक्षित हैं।
सपा शासनकाल में प्रदेश में कानून व्यवस्था के क्या हाल थे, किसी से छिपा नहीं है। दीयों और दीपावली पर अखिलेश यादव ने जो बयान दिया था, लोग उसे भूले नहीं हैं। सपा प्रमुख का बयान उनकी हताशा और राजनीतिक खोखलेपन का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश अब जाति और डर की राजनीति से नहीं बल्कि विकास और राष्ट्रवाद की भावना से चलता है।











 
    
    