
- 9 करोड़ की लागत से बनने वाले बैतालपुर-बालटिकरा मार्ग का मामला
Deoria : देवरिया की राजनीति में सियासी घमासान तेज हो गया है। बैतालपुर-बालटिकरा मार्ग के चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य को लेकर सांसद शशांक मणि त्रिपाठी और सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी आमने-सामने आ गए हैं।
दोनों नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर इतना बढ़ा कि अंततः 19.91 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क के भूमि पूजन कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। इससे न केवल जिले का राजनीतिक तापमान बढ़ गया, बल्कि जनता भी असमंजस में पड़ गई।
मामला तब सुर्खियों में आया जब देवरिया सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट कर 30 सितंबर को बैतालपुर में बैतालपुर-बालटिकरा मार्ग के भूमि पूजन की घोषणा कर दी। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को 30 सितंबर को 11:00 बजे बैतालपुर में उपस्थित होने का आवाहन किया। सांसद ने लिखा कि यह सड़क वर्षों से उपेक्षित रही है, लेकिन अब इसका चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य शीघ्र शुरू होगा। इस घोषणा के बाद स्थानीय लोगों में खुशी और उत्साह का माहौल बन गया।

सांसद की घोषणा पर विधायक का कटाक्ष
सांसद की घोषणा पर देवरिया सदर विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी ने सवाल उठाए। उन्होंने फेसबुक पर अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) का एक पत्र साझा करते हुए लिखा कि विभागीय स्तर पर भूमि पूजन के लिए विधायक की अनुपस्थिति के कारण पूजन कार्यक्रम को निरस्त करने की बात कही गई थी।
विधायक ने पोस्ट में लिखा कि उन्होंने 2023 में इस सड़क के लिए सदन में सवाल उठाए थे और इसके लिए पथरदेवा के विधायक और वर्तमान में प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संयुक्त रूप से प्रस्ताव दिए थे। उनके प्रयासों के चलते इस सड़क के लिए 19.91 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
सांसद प्रतिनिधि ने पत्र को बताया “फर्जी”
विधायक की पोस्ट के बाद सांसद के प्रतिनिधि मनीष मणि ने पत्र को “फर्जी” करार दिया। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा सदर विधायक की अनुपस्थिति का हवाला देकर कार्यक्रम निरस्त करने का पत्र पूरी तरह मनगढ़ंत है और इसे केवल सियासी लाभ के लिए प्रचारित किया जा रहा है। उनका दावा था कि सांसद ने विभागीय स्तर पर सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली थीं और भूमि पूजन कार्यक्रम बिल्कुल वैध था। लेकिन सांसद ने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया।
सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग
सांसद और विधायक के बीच शुरू हुआ यह विवाद देखते ही देखते सोशल मीडिया पर फैल गया। फेसबुक और वॉट्सऐप ग्रुप्स पर समर्थकों ने जमकर बहस की। दोनों नेताओं के पक्ष में लोग एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे। इस सियासी जंग से आम जनता असमंजस में पड़ गई कि आखिर सड़क निर्माण कार्य की वास्तविक स्थिति क्या है और इसका श्रेय किसे मिलेगा।
आखिर भूमि पूजन कार्यक्रम हुआ स्थगित
बढ़ते विवाद को देखते हुए सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने घोषणा की कि जनहित में किसी भी प्रकार का भ्रम न रहे, इसलिए भूमि पूजन कार्यक्रम फिलहाल स्थगित किया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि सड़क निर्माण कार्य में देरी नहीं होगी और जनता को जल्द ही पक्की सड़क मिलेगी।
दो माननीयों के विवाद से जनता में नाराजगी
बैतालपुर और आसपास के ग्रामीणों में निराशा फैल गई। लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से सड़क की हालत बेहद खराब है। बरसात में सड़क पर गड्ढे और जलभराव से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है।
ग्रामीणों ने नेताओं की खींचतान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि विभागीय सूत्रों के अनुसार, बैतालपुर-बालटिकरा मार्ग का प्रस्ताव पहले ही स्वीकृत हो चुका है। तकनीकी तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी हैं और केवल औपचारिकताओं के बाद कार्य प्रारंभ किया जा सकता है। पीडब्ल्यूडी ने सोमवार को एक पत्र जारी कर कहा कि सदर विधायक के अनुपस्थित होने के कारण कार्यक्रम स्थगित किया गया।
वहीं, सोशल मीडिया पर मनीष मणि ने पीडब्ल्यूडी का 29 सितंबर को जारी पत्र फेक बताया। अब देखना यह होगा कि जब सड़क का काम शुरू होगा, तो श्रेय लेने की होड़ में कौन सा नेता जनता के सामने अपनी जीत का दावा करेगा। यह सड़क विवाद जिले की राजनीति को नया मोड़ दे गया है।
एक ओर सांसद और विधायक जनता के बीच अपनी-अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि उनकी बुनियादी समस्या कब सुलझेगी। फिलहाल बैतालपुर-बालटिकरा मार्ग का भूमि पूजन कार्यक्रम टल गया है, लेकिन यह साफ कर गया कि सड़क बनने से पहले नेताओं के बीच श्रेय लेने की जंग और तेज होगी।
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