
भाटपार रानी, देवरिया: भाटपार रानी तहसील क्षेत्र के अंतिम सीमा पर स्थित बिहार प्रांत के सिवान जिले के नौतन प्रखंड अंतर्गत मुरार पट्टी गांव में मुहर्रम का चालीसवां मेला आयोजित किया गया। इस दौरान खिलाड़ियों ने लाठी, डंडा, छड़ी, भाला, फरसा, तलवार, बाना, बनेठी और रंग आदि खेलों का शानदार प्रदर्शन किया।
इस दौरान बिहार के गोपालगंज जिले की हरदिया और बंजरिया की दो टीमों ने भाग लिया। बंजरिया ने हरदिया को हराकर शील्ड पर कब्जा कर लिया। खेल प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि जीरादेई के विधायक अमरजीत कुशवाहा ने खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित किए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुहर्रम का यह चालीसवां मेला हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। यहां दोनों धर्मों के लोगों की मौजूदगी से प्यार और भाईचारा मजबूत हो रहा है। मुखिया हवलदार अंसारी ने कहा कि यह मेला आपसी प्रेम, भाईचारे और एकता का पैगाम देता है। पूर्व मुखिया अशोक यादव ने कहा कि इस मेले में पारंपरिक खेलों का आयोजन बेहद प्रशंसनीय है।
कवि, शायर और पत्रकार मकसूद अहमद भोपतपुरी ने कहा कि आज से 1386 वर्ष पहले इराक के कर्बला शहर में हुए युद्ध में बाइस हजार यजीदी फौज का मुकाबला करते हुए नबी के नवासे हजरत इमाम हुसैन सहित उनके खानदान के कुल 72 लोग शहीद हो गए थे। लेकिन उन्होंने जालिम बादशाह यजीद के आगे झुकना पसंद नहीं किया। लाहज़ा, कर्बला के उन शहीदों की याद में आयोजित यह मेला हमें इंसानियत की राह पर चलने का संदेश देता है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से कमेटी सदस्य सदर मैनुद्दीन, सेक्रेटरी निजामुद्दीन, सरपंच तारा यादव, आरिफ अली, सुनील यादव, मौलाना नईमुद्दीन, अफताब, सिराजुद्दीन, फिरोज, मुन्ना मंसूरी, नजीब, शौकत, जुमेराती, खुर्शीद, नौशाद, सद्दाम, तस्लीम, अफरोज, इंसाफ, सरफराज, समीर, शाहनवाज, इनायत, जाहिद, अमजद, पान मुहम्मद सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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