दिल्ली की हवा खतरनाक स्तर के करीब, औसत एक्यूआई 377, कई इलाकों में स्थिति ‘गंभीर’

New Delhi : राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खतरनाक स्तर पर बनी हुई है। गुरुवार की शाम दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 377 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।

वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली में अनुमान जताया गया कि आने वाले दिनों में स्थिति में किसी सुधार की संभावना नहीं है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के कई क्षेत्रों में हालात औसत से भी गंभीर हैं। तापमान में गिरावट और ठंडी हवा के चलते हवा स्थिर है, जिससे प्रदूषक नीचे ही अटके हुए हैं और वायु गुणवत्ता तेजी से बिगड़ रही है।

शाम 7 बजे दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार आनंद विहार का एक्यूआई 415 और अशोक विहार का 407 ‘गंभीर’ स्तर तक पहुंच गया। बुराड़ी में यह स्तर 389 रहा। वजीरपुर में एक्यूआई 406 तक दर्ज किया गया, जबकि रोहिणी और विवेक विहार में 400, बवाना में 405 और नेहरू नगर (लाजपत नगर) में 395 का स्तर रिकॉर्ड किया गया।

दिल्ली के साथ एनसीआर के शहर भी प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हैं। नोएडा का एक्यूआई 391, ग्रेटर नोएडा 381, गाजियाबाद 358 और गुरुग्राम 317 दर्ज किया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निर्माण कार्य, धूल और वाहन प्रदूषण स्थिति को और खराब कर रहे हैं।

वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली का अनुमान है कि अगले 24 घंटों में कोई उल्लेखनीय सुधार संभव नहीं है तथा 28–29 नवंबर तक हवा की स्थिति ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी के बीच बनी रह सकती है।

सीपीसीबी के मानदंडों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कुल वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 20.45 फीसदी है। पराली जलाने से 1.97 फीसदी, निर्माण एवं ध्वंस गतिविधियों से 3.10 फीसदी और आवासीय क्षेत्रों से 5.30 फीसदी तक का योगदान होता है।

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