
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी पर जान गंवाने वाले अपने कर्मचारियों के परिवार को एक करोड़ रुपये अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “कोविड ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले प्रत्येक कर्मचारी के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। सरकार जल्द ही 10 कर्मियों के परिजनों को यह अनुग्रह राशि प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री के अनुसार यह सतत प्रक्रिया है, इसके लिए ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की समिति लगातार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल के दौरान दिल्ली सरकार के डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मियों, शिक्षकों और अन्य अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर, निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा की। जब पूरा विश्व महामारी के भय से ठहर गया था, तब ये कर्मचारी दिन-रात अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे, ताकि लोगों तक स्वास्थ्य, स्वच्छता, आवश्यक सेवाएं आदि बिना रुके पहुंचती रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कर्मवीरों का योगदान दिल्ली के इतिहास के सबसे निःस्वार्थ और प्रेरणादायी अध्यायों में दर्ज किया जाएगा। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि वर्ष 2020–2021 में कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों की लंबित अनुग्रह राशि को स्वीकृत कर जारी कर दिया जाए। जल्द ही यह राशि उन सभी 10 कर्मचारियों की असाधारण सेवाओं की मान्यता के रूप में दी जाएगी, जिन्होंने महामारी के सबसे कठिन समय में समाज के लिए अपने जीवन की परवाह नहीं की।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस मसले को लेकर हमारी सरकार काफी गंभीर थी, क्योंकि पिछली सरकार ने इसको लेकर बातें तो बहुत की, लेकिन जिस गंभीरता की जरूरत थी, वह नहीं दिखाई। उसने तो प्रचार को ही फोकस किया। मुख्यमंत्री के अनुसार यह खेद का विषय यह भी है कि सम्मान और आभार का प्रतीक अनुग्रह राशि को को लगभग पांच वर्षों तक प्रक्रियागत अड़चनों और अन्य कारणों से रोका गया। लेकिन यह देरी कर्मचारियों की सेवाओं के मूल्य को कम नहीं कर सकती। हमारी सरकार पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त करती है। हमारी सरकार उन सभी कर्मचारियों को यह अनुग्रह राशि प्रदान करेगी, जिनका जीवन कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया। चूंकि यह मामला हमारे ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों का है, इसलिए हमने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया है, जिसमें कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, कपिला मिश्रा, डॉ. पंकज कुमार सिंह शामिल हैं। इस जीओएम के साथ रिलीफ ब्रांच के दो वरिष्ठ अधिकारी डिविजन कमिश्नर नीरज सेमवाल व डीएम अमोल श्रीवास्तव शामिल हैं। हमारी सरकार के लिए यह सतत प्रक्रिया है और समिति सभी ऐसे मामलों पर लगातार सुनवाई कर रही है। आगामी दिनों में अनुग्रह राशि पाने वाले कर्मियों की संख्या में इजाफा होने की संभावना है।
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