दिल्ली पुलिस ने आतंकी नेटवर्क के खिलाफ छापेमारी की तेज, पूरे शहर में हाई अलर्ट

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के लाल किले बम ब्लास्ट मामले में एक ही मरीज वेंटिलेटर पर है, जिसकी हालत गंभीर बनी हुई है। शाहदरा के रहने वाले अंकुश शर्मा अभी हाई डिफिशिएंसी यूनिट (एचडीयू) में भर्ती हैं। बता दें कि अंकुश हादसे में अपनी दाई आंख भी खो बैठा हैं। घायल युवक के भाई ने बताया कि डॉक्टरों ने सर्जरी कर आंख निकाल दी है। घटना में दोनों हाथ भी जल गए थे। उसे अभी 8 से 10 दिन और डॉक्टरों अस्पताल में रखने की बात कह रहे हैं, उन्होंने कहा कि बम ब्लास्ट में घायल उनके एक दोस्त को अस्पताल से अगले दिन ही छुट्टी मिल चुकी है, क्योंकि हादसे में दोस्त हल्की-फुल्की चोट आई थी, जिस कारण उसे अस्पताल से जल्दी छुट्टी मिल गई थी।

मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 7 घायलों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, बाकी मरीजों में से सिर्फ एक मरीज वेंटिलेटर पर है। सभी मरीजों की हालत पहले से स्थिर है। सूत्रों के अनुसार, 10 नंबर सोमवार शाम को लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 से अधिक घायलों को इलाज के लिए लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

घायलों में से 2 दिन पहले एक मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसकी पहचान बिलाल के रूप में की गई थी। बाकी घायल मरीजों में से 3 को मंगलवार को छुट्टी मिल गई थी, जिसके बाद 4 को शुक्रवार वाले दिन को छुट्टी मिल गई, बता दें कि आज के समय में अस्पताल परिसर में
19 घायलों का इलाज चल रहा है। 10 लोगों की पहले और एक इलाज के दौरान मौत के बाद कुल 11 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इसमें से 8 मृतकों की पहचान के बाद पोस्टमॉर्टम किया चुका है, जिसके बाद परिजनो को शव सौप दिए गए हैं।

बाकी 2 शव में से 2 की पहचान डॉक्टर उमर और बिलाल के रूप में हुई है। डॉक्टर उमर के शव की पहचान डीएनए जांच से की गई है, क्योंकि उसके सिर्फ बॉडी पार्ट ही मिले थे। उसकी मां और भाई के सैंपल को लोकनायक की मॉर्चरी में रखे गए एक शव से मिलाया गया है। डीएनए मिलान एम्स की फरेंसिक टीम द्वारा किया गया है, जबकि एक अन्य मृतक अब भी अज्ञात है। डॉक्टर उमर और बिलाल के परिजन अभी तक शव लेने या पहचान करने के लिए अस्पताल नहीं पहुंचे हैं। इसलिए उनका पोस्टमॉर्टम भी नहीं किया है।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि जो मरीज वेंटिलेटर पर है। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है, क्योंकि मरीज 60 प्रतिशत जला हुआ है।,इसके अलावा ब्लास्ट की वजह से एक पैर भी कट गया है। दोनों हाथों में फ्रैक्चर है। उसकी सर्जरी भी हो चुकी है, लेकिन अब भी हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की एक टीम मरीज पर नजर रखे हुए है। इसके अलावा बाकी घायलों को एक ही जगह वॉर्ड में रखा गया है, ताकि एक साथ सभी का केयर हो सके, बता दें कि 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के नजदीक एक सफेद गाड़ी में जोरदार बम ब्लास्ट हुआ था, जिसने पूरी दिल्ली शहर को हिलाकर रख दिया। इस बम धमाके के बाद एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस और एजेंसियों द्वारा अलग अलग हिस्सों में छापेमारी कर इस धमाके के साजिशकर्ता और उसकी जड़ों को खंगालने में जुटी है।

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