
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम मुख्यालय परिसर में स्थाई समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा और आयुक्त अश्विनी कुमार के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विपक्ष नेता ने आयुक्त अश्विनी कुमार की प्रशंसा करते हुए भाजपा सरकार को घेरे की कौशिश की, लेकिन सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच हल्की नोक-झोंक के बीच बैठक बनी रही। विपक्ष नेता ने कहा कि निगम में आयुक्त अश्विनी कुमार जैसे ईमानदार न आए है, और शायद न आ न आ पाएंगे, क्योंकि आयुक्त ने बड़ी ही ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाया रहे हैं। इसी बीच सत्तापक्ष पार्षदों ने कहा कि हम सब भी ईमानदार हैं। सभी अधिकारी और नेता बड़ी ही ईमानदारी से अपना कार्य कर रहे हैं। हालाकि बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए। इसके अतिरिक्त अध्यक्ष सत्या शर्मा की अध्यक्षता में आज आयोजित बैठक में प्रदूषण नियंत्रण, आवारा पशुओं की समस्या, शिक्षकों के तबादले, निजी विद्यालयों की मान्यता व अवैध रूप से संचालित होटल, बार एवं रेस्टोरेंट जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई, बैठक में उपस्थित पार्षदों द्वारा दिए गए सुझावों पर समिति ने गंभीरता से विचार-विमर्श किय गया। साथ ही संबंधित अधिकारियों को ठोस, समयबद्ध एवं परिणाम-आधारित कारज़्वाई सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए कि दिल्ली शहर में अवैध रूप से संचालित होटल, बार व रेस्टोरेंटो की जांच कर एक विस्तृत रिपोर्ट समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाए, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन प्रतिष्ठानों के लाइसेंस नवीनीकृत है, जो बिना अनुमति या नियमों के उल्लंघन के संचालित हो रहे हैं, उनकी स्पष्ट पहचान की जा, साथ ही अवैध प्रतिष्ठानों के विरुद्ध सख्त- सख्त कार्रवाई करें, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जाएगी, साथ ही नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा से जुड़े मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। बैठक में अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि अवैध होटल, बार एवं रेस्टोरेंट खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। स्थाई समिति अध्यक्ष ने बताया कि निगम द्वारा निजी प्राइमरी प्राइवेट स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के संबंध एक समिति के गठन जाएगा, ताकि केवल नियमों एवं मानकों का पालन करने वाले विद्यालयों को ही मान्यता दी जा सकें, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित हो। पार्षदों के प्रश्नों का जवाब न देने पर अधिकारियों को बैठक में सत्तापक्ष व विपक्ष के कई पार्षदों फटकार लगाते हुए कहा कि संबंधित अधिकारियों से नागरिक हित में प्रश्नों का सही उत्तर मांगने पर अधिकारी प्रश्नों का सही जवाब नहीं देंते हैं। इसलिए प्रश्न के जवाब उलट देते हैं। पार्षदों द्वारा यह मुद्दा उठाने पर अध्यक्ष सत्या शर्मा ने निर्देश दिए कि बैठक में पार्षदों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का उत्तर संबंधित अधिकारी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ लिखित रूप में उपलब्ध कराएं, जिससे पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
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