
दिल्ली : ऐतिहासिक निजामुद्दीन इलाके में शुक्रवार को दर्दनाक हादसा हो गया। यहां स्थित 700 साल पुरानी दरगाह शरीफ पत्ते शाह के एक कमरे की छत अचानक ढह गई, जिसमें दबकर एक मासूम बच्चे समेत पांच लोगों की मौत हो गई और नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल फैल गया।
कैसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय कमरे में करीब 15 लोग आराम कर रहे थे। यह कमरा लगभग 60 साल पुराना बताया जा रहा है और उसकी छत जर्जर स्थिति में थी। अचानक दोपहर को तेज आवाज के साथ छत भरभराकर गिर पड़ी, जिससे कमरे के अंदर मौजूद लोग मलबे के नीचे दब गए।
बचाव अभियान और त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल विभाग और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं। बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए स्निफर डॉग भी लगाए गए, ताकि मलबे में फंसे किसी भी व्यक्ति को तुरंत खोजा जा सके। पुलिस ने बताया कि अब तक मलबे से 11 लोगों को सुरक्षित निकालकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, पांच लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
इलाके में सुरक्षा घेरा, दरगाह बंद
पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और किसी भी आम व्यक्ति को वहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। हादसे के बाद दरगाह को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, साथ ही हुमायूं के मकबरे के अंदर से भी पर्यटकों को बाहर निकाल दिया गया।
स्थानीय लोगों में गुस्सा और चिंता
स्थानीय निवासियों ने इस हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रशासन से मांग की है कि पुरानी धार्मिक और ऐतिहासिक इमारतों की नियमित जांच और मरम्मत की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
जांच के आदेश
पुलिस और प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक आशंका है कि पुरानी इमारत की कमजोर संरचना और हालिया बरसात के चलते छत कमजोर हो गई थी, जिसके कारण यह घटना हुई।
इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। फिलहाल, घायलों का इलाज जारी है और मृतकों के परिजनों को प्रशासनिक स्तर पर हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया गया है।
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