
नई दिल्ली : आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने तमिलनाडु से संचालित एक अंतरराज्यीय फर्जी वीज़ा गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मुख्य एजेंट वी. कन्नन (55) को तमिलनाडु के नंजई अडियार गांव से गिरफ्तार किया। यह गिरोह फ्रांस के D-Type वीज़ा का झांसा देकर लोगों को ठग रहा था।
इमिग्रेशन काउंटर पर पकड़ा गया खेल
28 अक्टूबर 2025 को नवीराज सुब्रमणियम (23), मोहन गांधी एलंगोवन (38) और प्रभाकरन सेंथिलकुमार (28) पेरिस जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट के इमिग्रेशन काउंटर पर पहुंचे। उनके पासपोर्ट पर लगे वीज़ा संदिग्ध पाए गए। जांच में पुष्टि हुई कि ये वीज़ा पूरी तरह जाली थे। नवीराज का वीज़ा 6 लाख रुपये में, जबकि मोहन और प्रभाकरन ने अपने वीज़ा 12-12 लाख रुपये में बनवाए थे।
तकनीकी जांच और गोपनीय इनपुट से मुख्य एजेंट गिरफ्तार
SHO इंस्पेक्टर वीरेन्द्र कुमार त्यागी के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने तकनीकी निगरानी और स्थानीय इंटेलिजेंस के आधार पर मुख्य एजेंट वी. कन्नन को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि कन्नन परमाथी में सरकारी मान्यता प्राप्त ITI संचालित करता है और वेलूर में “Vetri Overseas” नाम से ओवरसीज एजुकेशन कंसल्टेंसी चलाता है। वह अपने साथी सतिक सैयद (अब्दुल हकीम, मदुरै) के साथ मिलकर युवाओं को पेरिस में वेयरहाउस जॉब का झांसा देकर फर्जी वीज़ा बेचता था। अब तक कम से कम 16 युवाओं को यह गिरोह ठगा चुका है। सतिक सैयद की तलाश जारी है।
गिरफ्तार आरोपी
- वी. कन्नन (55) – मुख्य एजेंट
- नवीराज सुब्रमणियम (23) – यात्री
- मोहन गांधी एलंगोवन (38) – यात्री
- प्रभाकरन सेंथिलकुमार (28) – यात्री
नवंबर 2025 में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की सख्त कार्रवाई
फर्जी वीज़ा और पासपोर्ट से जुड़े मामलों में कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 6 एजेंट और 28 टाउट्स शामिल हैं। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की यह कार्रवाई उन नेटवर्कों के लिए एक सख्त संदेश है, जो विदेशी रोजगार के नाम पर लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं।















