समीर वानखेड़े को प्रोन्नति मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार पर लगाया 20 हजार जुर्माना

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो अधिकारी समीर वानखेड़े के प्रोन्नति मामले में केंद्रीय प्रशासनिक प्राधिकरण (कैट) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका में तथ्यों को छिपाने पर केंद्र सरकार पर 20 हजार का जुर्माना लगाया है।इसके साथ ही जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार की याचिका भी खारिज कर दी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने ये तथ्य नहीं बताया कि कैट ने अगस्त में वानखेड़े के खिलाफ विभागीय कार्यवाही पर रोक लगायी थी। केंद्र सरकार ने मांग की थी कि कैट के 28 अगस्त के आदेश पर रोक लगायी जाए। कैट ने दिसंबर, 2024 में समीर वानखेड़े के बारे में सीलबंद लिफाफा खोलने का आदेश देते हुए कहा था कि अगर यूपीएससी ने प्रमोशन की अनुशंसा की होगी, तो केंद्र सरकार को समीर वानखेड़े को ज्वाइंट कमिश्नर के पद पर प्रोन्नति देनी होगी। केंद्र ने कहा था कि समीर वानखेड़े के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)

के कई मामले दर्ज हैं और उनके खिलाफ नौकरी पाने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र हासिल करने के मामले में विभागीय कार्यवाही भी चल रही है। ऐसे में कैट के आदेश को निरस्त किया जाए।

उच्च न्यायालय ने इस बात पर गौर किया कि वानखेड़े को कभी भी निलंबित नहीं किया गया और न ही कोई चार्जशीट दाखिल की गई है। समीर वानखेड़े उस समय सुर्खियों में आए थे, जब एनसीबी मुंबई की टीम ने कुछ बॉलीवुड हस्तियों से पूछताछ की थी। समीर वानखेड़े ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को क्रूज पर ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया था। आर्यन खान को क्लीन चिट मिलने के बाद समीर वानखेड़े का ट्रांसफर कर दिया गया था।

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