
Delhi : देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर ग्रैडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण (GRAP-4) लागू कर दिया गया है। इस कदम के साथ ही दिल्ली सरकार ने स्कूलों और कार्यालयों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिससे वायु गुणवत्ता सुधारने में मदद मिल सके।
स्कूलों के लिए नई गाइडलाइंस
दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) ने गुरुवार को जारी सर्कुलर में कहा कि GRAP-4 के तहत अब शहर के स्कूलों में कक्षा 9वीं और 11वीं तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित की जाएंगी। यह व्यवस्था भौतिक और ऑनलाइन दोनों मोड में होगी, जहां भी ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और जब तक नई घोषणा नहीं होती, तब तक यह जारी रहेगा।
दिल्ली में शिक्षा के बदलें नियम
- सरकारी, गवर्नमेंट एडेड, डीओई, एनडीएमसी, एमसीडी, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड और मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे कक्षा 9 और 11 के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलाएं।
- स्कूलों में छात्रों की संख्या न्यूनतम रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।
- ऑनलाइन कक्षाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां संभव हो।
AQI और प्रदूषण की स्थिति
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दिल्ली का एकाधिक क्षेत्रों का AQI अब 450 के ऊपर पहुंच चुका है। यह बेहद खतरनाक स्तर है और आने वाले दिनों में इसमें सुधार की संभावना नहीं दिख रही है। इस वजह से, GRAP-4 को लागू कर दिया गया है। साथ ही भारी वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
सरकारी कार्यालयों के लिए नए निर्देश
- सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष नियमित रूप से कार्यालय में उपस्थित रहेंगे।
- कार्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति 50% से अधिक नहीं होगी।
- शेष कर्मचारी घर से कार्य (वर्क फ्रॉम होम) करेंगे।
- आवश्यकतानुसार कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बुलाया जा सकता है।
निजी कार्यालयों के लिए दिशा-निर्देश
- कार्यालय समय में अलग-अलग टाइमिंग लागू की जाएं।
- घर से कार्य करने के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
- कार्यालय आने-जाने वाली वाहनों की संख्या कम करने का प्रयास किया जाए।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं, जिनमें स्कूलों में हाइब्रिड क्लासेस, कार्यालयों में कर्मचारियों का सीमित उपस्थित होना और वाहनों की आवाजाही में कटौती शामिल है। इन कदमों का उद्देश्य राजधानी को प्रदूषण मुक्त बनाना है और नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा करना है।
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