महिला सहमकर्मी के सामने आते ही घबरा गया दिल्ली का डर्टी बाबा, चैतन्यानंद बोला- ‘मैं फोन का पासवर्ड भूल गया, घबराहतट हो रही…’

Delhi : दिल्ली में श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की 17 छात्राओं से यौन उत्पीड़न के आरोपी बाबा स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की गिरफ्तारी के बाद अब जांच में नए खुलासे हो रहे हैं। गिरफ्तार किए जाने के बाद वह पुलिस के सामने घबराया हुआ नजर आ रहा है, बार-बार अपने फोन का पासवर्ड भूलने की बात कह रहा है। उसके पास से तीन फोन, आईपैड और फर्जी दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जिनमें छात्राओं को भेजे गए अश्लील संदेश, कॉल डिटेल और आपत्तिजनक चैट के सबूत हो सकते हैं।

गिरफ्तारी के बाद से ही वह बहुत परेशान दिख रहा है। पूछताछ के दौरान बार-बार पासवर्ड याद न होने की बात कर रहा है।पुलिस ने उसके फोन और आईपैड को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

बाबा ने लगभग 40 दिनों में 13 अलग-अलग होटल बदले, जिनमें ज्यादातर सस्ते होटल थे और जहां सीसीटीवी न हो। होटल की बुकिंग उसके चेलों द्वारा कराई जाती थी ताकि पुलिस को उसका नाम न मिले। फरारी के दौरान भी वह अपने संस्थान पर नजर रख रहा था, उसके पास से मिली जानकारी में कैंपस की लाइव सीसीटीवी एक्सेस भी शामिल है।

बाबा ने अपनी पहचान को इस तरह उलझा दिया कि असली और नकली का फर्क ही खत्म हो गया। उसके पास दो पासपोर्ट मिले हैं, जिनमें एक में नाम स्वामी पार्थ सारथी और दूसरे में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती लिखा है। जन्मस्थान भी अलग-अलग है- एक में दार्जिलिंग और दूसरे में तमिलनाडु। उसका पैन कार्ड भी विरोधाभासी जानकारियों से भरा है।

खुफिया इनपुट के आधार पर पुलिस की टीम ने आगरा के ताजगंज इलाके में एक होटल में उसे पकड़ लिया। 27 सितंबर की शाम को उसने होटल में चेक इन किया और पूरी रात वहीं रहा। रविवार सुबह करीब 3:30 बजे पुलिस ने दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से तीन मोबाइल, आईपैड और फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए गए हैं, जिनमें वह खुद को संयुक्त राष्ट्र ECOSOC का स्थायी राजदूत और ब्रिक्स का विशेष दूत बताता था।

छात्राओं की शिकायत 6 अगस्त को दर्ज हुई, जिसमें आरोप था कि बाबा उन्हें देर रात अपने कमरे में बुलाता था और आपत्तिजनक संदेश भेजता था। शिकायत के तुरंत बाद उसने दिल्ली छोड़ दी और फरारी शुरू कर दी। पुलिस का मानना है कि उसके कई मददगार अभी भी फरार हैं।

बाबा ने करीब 50 लाख रुपये से अधिक नकदी निकाली। अलग-अलग नामों से बैंक खाते संचालित किए। छात्राओं पर दबाव बनाने और आपत्तिजनक संदेश डिलीट करवाने के लिए अपने सहयोगियों को कहा।

गिरफ्तारी से पीड़ित छात्राओं को राहत मिली है। उनमें से एक ने कहा कि यह सिर्फ आधी जीत है, न्याय तभी मिलेगा जब उसे उम्रकैद की सजा मिले। बाबा को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस उसकी मदद करने वाली तीन महिला सहायिकाओं से भी पूछताछ कर रही है। संस्थान से और सबूत जुटाने के लिए उसे जल्द ही घटनास्थल पर भी ले जाया जाएगा।

यह मामला अभी भी जांच के चरण में है, और पुलिस इन खुलासों के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है।

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