Delhi CM Rekha Gupta: रेखा गुप्ता के सामने दिल्ली में होंगी ये चुनौतियां… जानें क्या है BJP का मास्टर प्लान

kajal soni

दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय तब शुरू हुआ, जब रेखा गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह दिल्ली की सातवीं और चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं। बीजेपी के लिए यह चुनावी जीत ऐतिहासिक है, क्योंकि पार्टी ने दिल्ली में 27 साल बाद सरकार बनाई है और इस बार 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटों पर शानदार जीत हासिल की। हालांकि, रेखा गुप्ता के सामने कई बड़ी चुनौतियाँ और जिम्मेदारियाँ होंगी, जिनसे निपटना उनके लिए जरूरी होगा। आइए, जानते हैं कि मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता को किन मुद्दों पर काम करना होगा।

1. महिलाओं से किया वादा

बीजेपी ने चुनावी वादों में सबसे बड़ा वादा महिलाओं के लिए किया था। पार्टी ने घोषणा की थी कि दिल्ली की हर पात्र महिला को 2500 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे। यह योजना 8 मार्च, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन शुरू करने का वादा किया गया है। रेखा गुप्ता को इस योजना को लागू करने के लिए पूरी सरकारी मशीनरी को तैयार करना होगा और पात्र महिलाओं का चयन भी करना होगा। इसके अलावा, बीजेपी ने गर्भवती महिलाओं के लिए 21 हजार रुपये और पोषण किट देने की घोषणा की थी, साथ ही रसोई गैस के सिलेंडर पर सब्सिडी, होली-दीवाली पर मुफ्त सिलेंडर और कई अन्य पेंशन योजनाओं की शुरुआत का वादा किया था। इन योजनाओं को समय पर लागू करना और इन योजनाओं के लिए बजट की व्यवस्था करना दिल्ली की नई सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती होगी।

2. स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार

दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा को लेकर बीजेपी ने वादा किया था कि दिल्ली के हर नागरिक को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। यह योजना आयुष्मान भारत योजना के तहत लागू करने का वादा किया गया था, जो अब तक दिल्ली में लागू नहीं हो पाई थी। रेखा गुप्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस योजना के तहत दिल्ली के करीब 51 लाख लोग लाभान्वित हों। इसके अलावा, दिल्ली में मोहल्ला क्लिनिक की योजना को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। नई सरकार को यह निर्णय लेना होगा कि मोहल्ला क्लिनिक को जारी रखा जाए या उसे बंद कर दिया जाए। मोहल्ला क्लिनिक पर पिछली सरकार ने 2022 में 345 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। नई सरकार को इस मुद्दे पर फैसला लेना होगा।

3. यमुना की सफाई

दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना की सफाई को एक केंद्रीय मुद्दा बनाया गया था। बीजेपी ने यमुना की सफाई को चुनावी मुद्दा बना दिया और इस विषय पर कई वादे किए। बीजेपी ने पहले ही यमुना में कुछ मशीनें उतार दी हैं, लेकिन यह साफ करना कि यमुना वास्तव में कैसे साफ होगी, इस पर एक स्पष्ट योजना बनानी होगी। यमुना के प्रदूषण में औद्योगिक कचरे और नालों के पानी का बड़ा योगदान है, और रेखा गुप्ता को इस प्रदूषण से निपटने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। इस योजना को लागू करना नई सरकार के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होगी।

4. वित्तीय चुनौतियां और कर्ज का दबाव

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा लिए गए कर्ज और वित्तीय स्थिति नई सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होगी। आप की तीसरी सरकार में दिल्ली सरकार का खजाना खाली हो गया था और 10,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था, जिसकी उच्च व्याज दरें नई सरकार पर बोझ डाल सकती हैं। रेखा गुप्ता की सरकार को इन कर्जों के बोझ से निपटना होगा और साथ ही बिजली-पानी सब्सिडी और डीटीसी की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा जैसी योजनाओं के लिए बजट की व्यवस्था करनी होगी। बीजेपी ने घोषणा की है कि वह आप की सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं करेगी, इसलिए इन योजनाओं के लिए बजट की व्यवस्था एक बड़ा कार्य होगा।

5. विकास योजनाओं और बुनियादी ढांचे पर ध्यान

दिल्ली के नागरिकों की उम्मीदें नई सरकार से काफी अधिक होंगी, खासकर विकास योजनाओं के संदर्भ में। बीजेपी के नेतृत्व में, दिल्ली की सड़कें और फ्लाईओवर के निर्माण में तेजी लानी होगी। कई इलाके हैं, जहां सड़कें जर्जर हो चुकी हैं और फ्लाईओवर की आवश्यकता है। इसके अलावा, गाजीपुर में स्थित कूड़े का पहाड़ दिल्ली की एक बड़ी समस्या है। रेखा गुप्ता को इस पहाड़ को हटाने और स्थानीय लोगों को कूड़े और उसकी दुर्गंध से निजात दिलाने के लिए कार्य योजना बनानी होगी। यह चुनौती उनके सामने एक बड़ा कार्य बन सकती है।

6.केंद्र सरकार से समन्वय

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार से कई बार टकराव की स्थिति बनाई थी, लेकिन रेखा गुप्ता को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह केंद्र या उपराज्यपाल से टकराव न करें। बीजेपी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को केंद्र से सहयोग प्राप्त करना आसान हो सकता है, और रेखा गुप्ता को इस समन्वय को कायम रखने की दिशा में काम करना होगा।

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