
New Delhi : दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हाई-इंटेंसिटी ब्लास्ट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से ज्यादा घायल हैं। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे एक चौंकाने वाली साजिश सामने आ रही है – पढ़े-लिखे डॉक्टरों का एक ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ जो पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा हुआ है। इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के शोपियां का मौलवी इरफान अहमद वागे है, जो पहले श्रीनगर के GMC अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ था और बाद में इमाम बन गया।
जांच एजेंसियों दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, NIA, हरियाणा और यूपी पुलिस की संयुक्त टीम – ने अब तक 10 से ज्यादा गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें ज्यादातर डॉक्टर और मेडिकल प्रोफेशनल्स हैं। 2900 किलो से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट सहित विस्फोटक सामग्री, दो AK-सीरीज राइफल्स, पिस्तौल और IED बनाने का सामान बरामद हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, यह मॉड्यूल दिल्ली सहित 6 शहरों में बड़े हमले प्लान कर रहा था, खासकर 6 दिसंबर (बाबरी विध्वंस की बरसी) को।
मौलवी इरफान अहमद: रैडिकलाइजेशन का ‘मास्टर ब्रेन’
शोपियां का रहने वाला इरफान अहमद वागे (उर्फ इमाम इरफान) पहले GMC श्रीनगर में पैरामेडिकल स्टाफ था। अस्पताल में काम करने की वजह से उसकी पहुंच मेडिकल स्टूडेंट्स तक आसानी से हो गई।
वह टेलीग्राम और थ्रीमा जैसे ऐप्स पर JeM की प्रोपेगैंडा वीडियो शेयर करता था। पाकिस्तान में बैठे JeM हैंडलर उमर बिन खत्ताब (उर्फ हंजुल्ला) से डायरेक्ट संपर्क था।
इरफान ने डॉक्टरों को कट्टरपंथी बनाया, दक्षिण कश्मीर में JeM आतंकियों से मीटिंग्स करवाई और हथियार सप्लाई का इंतजाम किया।
उसकी गिरफ्तारी 19 अक्टूबर को श्रीनगर के नौगाम में JeM पोस्टर लगने के बाद हुई। पोस्टर लगाने वाले तीन ओवरग्राउंड वर्कर्स की गिरफ्तारी से इरफान तक पहुंच बनी।
कैसे शुरू हुई डॉक्टरों की रैडिकलाइजेशन की कहानी?
सूत्रों के अनुसार, सबकुछ 2023 में श्रीनगर के एक अस्पताल में शुरू हुआ:
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में काम करने वाला डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी (पुलवामा) एक मरीज के साथ अस्पताल गया था।
वहां मौलवी इरफान से मुलाकात हुई। फोन नंबर एक्सचेंज हुए। अगले दो सालों में कॉल्स, मैसेज और टेलीग्राम पर कट्टरपंथी कंटेंट शेयर किया गया।
मुजम्मिल ने अपने साथी डॉ. उमर मोहम्मद नबी (पुलवामा) को इरफान से मिलवाया। दोनों इतने कट्टर हो गए कि उमर ने दिल्ली में कार बम ब्लास्ट को अंजाम दे दिया।
उमर ही वह शख्स था जो 10 नवंबर को सफेद हुंडई i20 कार चला रहा था, जो लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास फट गई। CCTV फुटेज में मास्क पहने उमर को कार ड्राइव करते देखा गया।
मुख्य आरोपी डॉक्टर और उनकी भूमिका
नामउम्र/पताभूमिका/खुलासाडॉ. उमर मोहम्मद नबी28, पुलवामाकार ड्राइवर और सुसाइड बॉम्बर; ब्लास्ट में मारा गयाडॉ. मुजम्मिल अहमद गनी35, पुलवामा2900 किलो विस्फोटक बरामद; अल-फलाह यूनिवर्सिटी में फैकल्टीडॉ. आदिल अहमद राठेरकुलगामसहारनपुर से गिरफ्तार; लॉकर से AK राइफल बरामदडॉ. शाहीन सईद (महिला डॉक्टर)लखनऊकोडनेम ‘मैडम सर्जन’; JeM की महिला विंग ‘जमीयत उलेमा-ए-हिंद’ की मेंबर; कार में राइफल मिली
इन डॉक्टरों ने मेडिकल नॉलेज का इस्तेमाल खतरनाक केमिकल्स हैंडल करने और IED बनाने में किया।
तुर्की ट्रिप के दौरान JeM हैंडलर्स से मिले थे।
20 लाख रुपये का हवाला फंडिंग का भी खुलासा हुआ।
जांच की शुरुआत: पोस्टर से ब्लास्ट तक का सफर
19 अक्टूबर: श्रीनगर के नौगाम में JeM पोस्टर लगे – तीन OGWs गिरफ्तार – मौलवी इरफान तक पहुंच।
इरफान की पूछताछ से डॉक्टरों का मॉड्यूल उजागर – फरीदाबाद में रेड – 2900 किलो विस्फोटक बरामद।
ठीक उसी दिन (10 नवंबर) शाम को दिल्ली में ब्लास्ट – जांच में कनेक्शन जुड़ा।
अब तक 22 प्रोफेशनल्स (डॉक्टर, इंजीनियर) रडार पर; कई की तलाश जारी।
जांच एजेंसियां कह रही हैं कि यह मॉड्यूल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का बदला लेने के लिए सक्रिय हुआ था, जिसमें JeM का बहावलपुर हेडक्वार्टर तबाह हुआ था। NIA ने केस अपने हाथ में ले लिया है और पाकिस्तानी हैंडलर्स तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली सहित पूरे देश में हाई अलर्ट है, जबकि कश्मीर में कई डॉक्टरों के घरों पर छापे और पूछताछ जारी है।
यह मामला दिखाता है कि आतंकवाद अब सिर्फ अनपढ़ या गरीब तक सीमित नहीं – पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स भी रैडिकलाइजेशन का शिकार हो रहे हैं। आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।















