भास्कर ब्यूरो
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया एक ही चरण में पूरी होगी। 5 फरवरी को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दिल्ली में 1.5 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं। इसके लिए 33,330 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें 83.49 लाख पुरुष और 79 लाख महिला मतदाता हैं, जबकि 2.08 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। राजधानी में 100 साल से ज्यादा उम्र के 830 मतदाता भी हैं।
चुनाव प्रक्रिया और आरोपों पर चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों का खंडन किया और 30 मिनट तक तथ्यों के साथ अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि किसी खास वर्ग को निशाना बनाने या मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के आरोप निराधार हैं। चुनाव प्रक्रिया एक तय प्रोटोकॉल के तहत होती है और इसमें समय लगता है।
इस दौरान राजीव कुमार ने भी कविता के जरिए अपनी बात रखी:
“तुम सहमत ना हो सको तो कोई बात नहीं,
उन्हें मेरी वफ़ा पर भरोसा है.
शिकायतें भी हों तो सुनो और बर्दाश्त करो,
मसले का हल निकालना तो हमारी आदत है.”
वह आगे कहते हैं,
“आरोपों और इल्ज़ामों का दौर चले, पर कोई शिकायत नहीं,
झूठ के गुब्बारे ऊंचे उठें, पर कोई शिकायत नहीं,
हर नतीजे में सबूत देते हैं,
शक की दुनिया पालते हैं,
शक की दवा हकीम लुकमान के पास नहीं।”
दिल्ली विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल और चुनाव की समयसीमा
दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को समाप्त हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, इसलिए उससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है।
2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव की घोषणा 6 जनवरी को हुई थी। उस समय भी सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ था। 8 फरवरी को मतदान हुआ था और 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए गए थे।
पिछले विधानसभा चुनावों का विश्लेषण
2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने 62 सीटें जीतीं और उसे 53.57% वोट मिले।
बीजेपी को 38.51% वोट मिले और पार्टी ने 8 सीटों पर कब्ज़ा किया।
कांग्रेस (INC) को सिर्फ़ 4.26% वोट मिले और वह अपना खाता भी नहीं खोल पाई।
2015 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन शून्य रहा था।
दिल्ली में 33,330 मतदान केंद्र तैयार
इस बार चुनाव आयोग ने राजधानी में 33,330 मतदान केंद्र बनाए हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान केंद्रों को बेहतर और सुचारू बनाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि मतदाताओं को सुखद अनुभव हो।
सक्षम ऐप के माध्यम से दिव्यांग मतदाता मतदान संबंधी सुविधाएं देख सकते हैं।
85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को ‘घर बैठे मतदान’ की सुविधा प्रदान की जा रही है । इसके लिए फॉर्म 12डी वितरित किया जाएगा।
मतदाता अपना नाम और मतदान केंद्र का विवरण मतदाता हेल्पलाइन पर ऑनलाइन देख सकते हैं।
किसी भी अनियमितता के संबंध में सी-विजिल एप के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी , जिसका 100 मिनट के भीतर समाधान किया जाएगा।
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता का दावा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मॉक पोल के दौरान अगर मशीन में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उसे अलग कर दिया जाता है। अगर किसी सीट पर जीत का अंतर गिनती के बाद कम होता है तो वीवीपैट से गिनती की जाती है।
उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 4.5 करोड़ वोटों की गिनती की गई और 67,000 वीवीपैट की जांच की गई। इनमें एक भी अनियमितता नहीं पाई गई।
उन्होंने कहा, “आज दुनिया में किसी भी चुनाव संचालन संस्था के पास उतना डेटा उपलब्ध नहीं है, जितना भारत के चुनाव आयोग के पास है।”
दिल्ली में महिला और पुरुष मतदाताओं का आंकड़ा
दिल्ली में कुल 1.5 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से:
83.49 लाख पुरुष,
79 लाख महिलाएं, और
2.08 लाख नए मतदाता शामिल हैं।
इसके अलावा 100 वर्ष से अधिक आयु के 830 वरिष्ठ मतदाता भी हैं।
आयोग ने दी जानकारी, वेबसाइट पर उपलब्ध है सारा डाटा
चुनाव आयोग ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण जानकारी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें हर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों और उम्मीदवारों की जानकारी शामिल है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदाता अपना नाम और मतदान केंद्र की जानकारी वोटर हेल्पलाइन या ऐप के माध्यम से अवश्य जांच लें। इससे मतदान प्रक्रिया में किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सकता है।