
CAG Report in Delhi Assembly : दिल्ली में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में CAG (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “दिल्ली की हवा को साफ करना हमारी प्राथमिकता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यह रिपोर्ट इस बात की जानकारी प्रदान करेगी कि वाहनों का प्रदूषण पर कितना असर पड़ रहा है और इसके नियंत्रण के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
दिल्ली विधानसभा में पेश होगी CAG रिपोर्ट
यह रिपोर्ट आज दोपहर में विधानसभा (Delhi Assembly) के पटल पर रखी जाएगी और इसमें वाहनों से होने वाले प्रदूषण का विस्तृत लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस रिपोर्ट के माध्यम से सरकार को यह समझने में मदद मिलेगी कि वाहन प्रदूषण को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
15 साल पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब से, 15 साल से पुरानी पेट्रोल और डीजल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। इसके लिए सभी पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए जा चुके हैं। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य पुरानी गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करना है, खासकर जब यह देखा गया है कि शहर में एक करोड़ से अधिक वाहन हैं, जिनमें हर दिन 500 से ज्यादा नए चार पहिया वाहनों का पंजीकरण होता है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) का अध्ययन
CSE द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहन हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरानी गाड़ियों, जो उत्सर्जन मानकों को पूरा नहीं करतीं, प्रदूषण के स्तर को और बढ़ा रही हैं। इस संबंध में, सरकार का मानना है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों पर ईंधन की आपूर्ति रोकने से प्रदूषण में कमी आएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सही दिशा में है, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कठोर निगरानी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से भी अपील की है कि वे अपने पुराने वाहनों को स्क्रैप करें और स्वच्छ वायु के लिए सरकार का सहयोग करें। दिल्लीवासियों को अब वैकल्पिक परिवहन साधनों पर अधिक निर्भर रहना पड़ सकता है। इस कदम के तहत, जनता को यह महसूस होगा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
दिल्ली सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से प्रदूषण कम करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है और इसके सकारात्मक परिणाम देखने की उम्मीद जताई जा रही है।