देहरादून। गौ माता राष्ट्र माता आंदोलन के ध्वज वाहक संत गोपाल मणि महाराज की ओर से सनातनी भक्तों को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की ओर से देश की लोकसभा सीटों पर गौ सांसदों को चयनित कर घर-घर में गौ माता की महिमा बताते हुए गौमाता राष्ट्रमाता अभियान से जोड़ने के लिए जागरूक करें।
महाराज ने कहा कि गौकथा का शुभारम्भ भी हमारे उत्तराखंड से हुआ और उद्धव द्वारा भी भगवान कृष्णकी चरणपादुका भी बद्रीकाश्रम उत्तराखंड में रखी गई है। बाबा बागेश्वर ने जब देहरादून में पहला दरबार लगाया तो पहला प्रश्न यही निकला कि गौमाता राष्ट्रमाता कब बनेगी अर्थात् यहां पेड़-पोधे, नदी, पर्वत, कंकड़,पत्थर सभी गौमाता को राष्ट्रमाता के रूप में देखना चाहते हैं।
मा पार्वती ने भी अपना जीवन साथी बैलवाला भगवान शंकर को स्वीकारा, इस संसार में दो प्रकार के लोग रहते हैं। एक दैवीय सम्पदा, दूसरा आसुरी सम्पदा, दैवीय सम्पदा वाले गाय व बैल की पूजा करते है, आसुरी सम्पदा वाले गाय का भक्षण करते हैं।
इस अवसर पर मनोहर लाल जुयाल, बलवीर सिंह पंवार, सूर्यकांत धस्माना, शूरवीर सिंह मतुड़ा, यशवंत सिंह रावत, आनन्द सिंह रावत, डॉ सीता जुयाल, वासुदेव चमोली, कामिनी मोहन नौटियाल, महावीर खंडूड़ी, डॉ राकेश मोहन नॉटियाल, कामनी, मोहन, तेजराम, सूरतराम, देवेंद्र पाल सिंह, ऋषिराज उनियाल, आचार्य राकेश, रविन्द्र राणा, बृजलाल रतूड़ी सहित मीडिया प्रभारी डॉ राम भूषण बिजल्वाण सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।