
देहरादून। पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की मजार पर प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए मौलाना पीर सैयद शब्बीर नक्शबंदी ने कहा कि दिवंगत राष्ट्रपति का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की 119वीं जयंती और 50वें राष्ट्रीय एकजुटता दिवस के मौके पर उनकी दरगाह पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें कुरान की तिलावत और फातिहा पाठ के बाद दिवंगत राष्ट्रपति के बेटे जस्टिस बदर अहमद, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. सैयद फारूक, मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, न्यू जामिया मस्जिद के इमाम शब्बीर अत्तारी, मुहम्मद असलम, मुहम्मद आबिद और अन्य हस्तियों ने भाग लिया। डॉ. एस. फारूक को अपने भाई ए अली अहमद की कोठी याद आ गई और पूरे डालनवाला को उनके भाई के घर के रंग के समान ग्रे रंग में रंग दिया गया।
फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के संस्थापक मौलाना सैयद शब्बीर नक्शबंदी इफ्तिखारी ने ऑनलाइन बातचीत करते हुए दिवंगत राष्ट्रपति को राष्ट्रीय एकता का वाहक बताया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में दिवंगत फखरुद्दीन अली अहमद के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर जस्टिस बदर अहमद, वरिष्ठ पत्रकार फरजान कुरेशी कानू, फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी और मृतक के परिजन मौजूद रहे।















