देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ व कोतवाली रुद्रपुर पुलिस के ज्वाइंट ऑप्रेशन में 50 हजार के ईनामी को गिरफ्तार किया गया है। पकड़ा गया आरोपी विगत 10 वर्षों से फरार चल रहा था और अपराध करने के उपरान्त बिहार के शेखपुरा में जाकर छिप गया था। गिरफ्तार ईनामी द्वारा वर्ष 2014 में रुद्रपुर के संजयनगर खेड़ा निवासी एक महिला की हत्या कर उसके शव को प्लास्टिक की टंकी के अन्दर छुपा दिया गया था।
पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के आदेश पर चलाए जा रहे अभियान के तहत एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर द्वारा धर-पकड़ के आदेश अपनी टीमों को दे रखे हैं। इसी क्रम में सीओ एसटीएफ आरबी चमोला के दिशा-निर्देशन में एसटीएफ व रुद्रपुर कोतवाली पुलिस द्वारा एक ज्वाइंट ऑपरेशन में थाना रुद्रपुर के 50 हजार रूपए के ईनामी अरविन्द यादव निवासी हनुमानगंज थाना अरियारी जनपद शेखपुरा बिहार के अरियरी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अपराधी के ऊपर कोतवाली रुद्रपुर में 9 अगस्त 2014 को हत्या का मुकदमा दर्ज है जिस पर आरोपी पिछले करीब 10 वर्षों से फरार चल रहा था। ईनाम घोषित होने के बाद से वह बिहार, हैदराबाद, गुजरात व मुंबई में छिपकर रहा था। एसटीएफ की इस कार्यवाही में मुख्य आरक्षी रियाज अख्तर की विशेष भूमिका रही। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि एसटीएफ द्वारा पिछले कई दिनों से ईनामी अपराधी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किये जा रहे थे
परन्तु ईनामी बार-बार अपनी लोकेशन चेंज कर रहा था और मोबाइल नंबर भी बदल रहा था। लेकिन पिछले कई दिनों से उसकी लोकेशन बिहार के शेखपुरा जिले में आने पर एक टीम गिरफ्तारी के लिए बिहार के लिए रवाना की गई थी। टीम द्वारा अपराधी को शेखपुरा जिले के अरियारी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया और उसे ट्रांजिट रिमांड के जरिये लाकर कोतवाली रुद्रपुर में दाखिल किया गया है। गिरफ्तार अपराधी द्वारा वर्ष 2014 को रुद्रपुर निवासी एक महिला की गला दबाकर हत्या कर दी गयी थी और उसके शव को एक प्लास्टक की टंकी में छिपाकर फरार हो गया था
तब से लगातार पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा था। पकड़े जाने के डर से वह बिहार से भागकर गुजरात, हैदराबाद व मुंबई में छिपकर रह रहा था और कभी कभार रात-बेरात अपने घऱ आता था। मामले की विवेचना रुद्रपुर कोतवाली द्वारा की गई थी लेकिन आरोपी हाथ नही आया था। पुलिस द्वारा उसके घर की कुर्की कर उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। हत्यारोपी अपना नाम गौरव रखकर एक राज्य से दूसरे राज्यों में छिपता फिर रहा था। जिस पर 30 दिसम्बर 2017 को ईनाम घोषित किया गया था।