
देहरादून : आपदा की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अब महिलाओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने स्वयं सहायता समूहों SHG से जुड़ी महिलाओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। इस अभियान की शुरुआत जल्द ही प्रदेशभर में की जाएगी, ताकि आपदा की स्थिति में महिलाएं भी राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
पर्वतीय जिलों में आपदा से निपटना चुनौतीपूर्ण
उत्तराखंड के अधिकतर पर्वतीय जिले आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील माने जाते हैं। खासकर मानसून के दौरान भूस्खलन, बाढ़ और सड़क अवरोध जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। इन आपात स्थितियों में दूर-दराज़ के क्षेत्रों तक राहत और बचाव टीमें समय पर नहीं पहुंच पातीं, जिससे जान-माल का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 13 जिलों में आपदा सखी तैयार करने का फैसला किया है। इसके तहत स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे न सिर्फ आपदा के समय राहत कार्य कर सकें, बल्कि अपने गांव की अन्य महिलाओं और बच्चों को भी जागरूक कर सकें।
सचिव आपदा प्रबंधन ने क्या कहा
विनोद कुमार सुमन, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया
प्रदेश में लगभग 65,000 स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे करीब 5 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। अगर इन महिलाओं को आपदा प्रबंधन के तहत प्रशिक्षित कर दिया जाए, तो यह विभाग के लिए भी बड़ी राहत होगी।”
उन्होंने बताया कि जब ये महिलाएं पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएंगी, तो ये अपने गांव में अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण दे सकेंगी। इससे आपदा की स्थिति में जब राहत टीमें मौके पर देर से पहुंचें, तब ये महिलाएं स्थानीय स्तर पर तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर सकेंगी।
स्कूलों में भी चलेगा जागरूकता अभियान
सचिव ने बताया कि इस अभियान को स्कूलों में भी चलाया जाएगा, ताकि बच्चों में भी आपदा के प्रति जागरूकता बढ़े। पहले चरण में 1,557 ‘आपदा सखी’ तैयार की जाएंगी। यह संख्या बाद में चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाएगी।
यह पहल राज्य की आपदा प्रबंधन रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव मानी जा रही है, जो महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक भागीदारी दोनों को एक साथ मजबूत करेगी।