देहरादून। विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्राकृतिक आपदा के मुद्दे पर सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष को बोलने के लिए जो समय मिला था, उसमें बोलने का अवसर न मिलने पर विपक्ष के विधायक हरीश धामी ने विपक्ष के प्रति नाराजगी व्यक्त की। विधायक हरीश धामी ने गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में सत्रावसान के बाद विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट कर उनके समक्ष अपनी पीड़ा रखी।
उन्होंने कहा आपदा की दृष्टि से सबसे संवेदनशील राज्य के पर्वतीय क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि आपदा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उन्हीं की पार्टी के सदस्यों ने उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इस समय उत्तराखंड के कई इलाके आपदाग्रस्त हैं। ऐसे में इस गंभीर विषय पर चर्चा बहुत आवश्यक थी। मुख्यमंत्री ने विधायक हरीश धामी की बातों को गंभीरतापूर्वक सुनकर उन्हें आश्वस्त किया कि उनके क्षेत्र सहित अन्य स्थानों में आपदा से संबंधित जो भी प्रकरण हैं, उनको प्राथमिकता पर लिया जाएगा।
उन्होंने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु और सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन को निर्देश दिए अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में सभी व्यवस्थाएं सामान्य करने के लिए जिलाधिकारियों से निरंतर समन्वय बनाए रखें। विधायक धारचूला द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्र की समस्या बताने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को निर्देश दिए कि सचिव आपदा प्रबंधन और जिलाधिकारी पिथौरागढ़ के साथ बैठक कर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जाए। आपदा कि दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों के विस्थापन की आवश्यकता है तो, किए जाए।
इनसेट- अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर गए विधायक हरीश धामी
देहरादून। गैरसैंण उत्तराखंड सरकार के मानसून सत्र के तीसरे दिन सरकार को घेरने में जुटी कांग्रेस खुद ही घिर गई है। पार्टी के तीन बार के वरिष्ठ विधायक हरीश धामी ने विपक्ष और कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हरीश धामी ने आरोप लगाया है कि उन्हें पूर्व में आश्वासन मिला था कि उनके क्षेत्र की समस्या को उठाने के लिए सदन में उन्हें मौका दिया जाएगा परंतु उन्हें मौका नहीं दिया गया। इतना ही नहीं विपक्ष नाली चौक होने और जल भराव की समस्याओं पर बात कर रहा है। जबकि पहाड़ के आपदा ग्रस्त जिलों की कोई बात ही नहीं हो पाई। खास बात यह भी है कां
ग्रेस ने सदन से वाकआउट किया था बावजूद उसके लंच के बाद हरीश धामी सदन में हिस्सा लेने पहुंचे हालांकि सत्र स्थगित हो चुका था। हरीश धामी के यह तेवर बता रहे हैं कि वह जल्द ही कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो व्यक्ति अपने बूथ नहीं जीत पा रहे हैं वह हमें सलाह दे रहे हैं आने वाले समय में निकाय चुनाव में ऐसे नेताओं को जनता सबक सिखाएगी।