देहरादून: दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में वनों की आग पर मंथन

देहरादून। दून पुस्तकाल एवं शोध केंद्र ने हिमालयी क्षेत्र में लगने वाली जंगलों की आग की समस्या को लेकर एक महत्वपूर्ण राउंड टेबल डायलॉग का आयोजन किया। दून पुस्तकाल एवं शोध केंद्र के अध्यक्ष प्रो. बीके जोशी ने इस चर्चा की शुरुआत करते हुए क्षेत्र में आग के शमन के लिए समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रसिद्ध पारिस्थितिकीविद् और सिडार के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.एसपी सिंह ने जंगल की आग के बाद के प्रभावों पर व्यापक अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया। भूतपूर्व प्रमुख वन संरक्षक डॉ. राजीव भर्तरी ने समुदाय के साथ निरंतर संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए एक मजबूत अग्नि प्रबंधन योजना विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। वन विभाग से सेवानिवृत्त एआर सिन्हा ने वन रक्षकों और समुदाय के अग्निशमन कर्मियों को गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरण प्रदान करने और अग्निशमन प्रयासों के लिए समय पर धनराशि जारी करने के महत्व को रेखांकित किया।

एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने 2022 में सिडार द्वारा आयोजित कार्यशाला की सिफारिशों को लागू करने की वकालत की। डब्ल्यूएफएफ इंडिया के पंकज जोशी और यूसेक के डॉ. गजेंद्र रावत ने अग्नि प्रबंधन की दक्षता बढ़ाने और अग्नि हॉटस्पॉट का पता लगाने में रिमोट सेंसिंग तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। सिडार के निदेशक डॉ. विशाल सिंह और कार्यक्रम समन्वयक चंद्रशेखर तिवारी ने सम्मेलन का समापन किया।

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