
74 वर्षीय अमेरिकी उद्योगपति डैनियन ब्रिंक्ले का दावा है कि वह तीन बार मृत्यु के द्वार से लौट चुके हैं। उन्होंने अपने इन रहस्यमयी अनुभवों को एक किताब में दर्ज किया है, जिसमें उन्होंने विस्तार से बताया है कि मृत्यु के बाद क्या होता है।
मौत के बाद की दुनिया हमेशा से इंसानों के लिए रहस्य और जिज्ञासा का विषय रही है। विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में इसे लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं—कहीं स्वर्ग और नरक का जिक्र है, तो कहीं पुनर्जन्म की अवधारणा मिलती है। हालांकि, विज्ञान इन बातों को स्वीकार नहीं करता। वैज्ञानिकों का मानना है कि मृत्यु के बाद मस्तिष्क की सारी गतिविधियां रुक जाती हैं। लेकिन दुनियाभर में कई लोग ऐसे भी हुए हैं, जिन्होंने “नीयर डेथ एक्सपीरियंस” यानी मृत्यु के करीब पहुंचने के बाद असामान्य अनुभवों का दावा किया है—जैसे रोशनी से भरी किसी जगह को देखना या अपने दिवंगत प्रियजनों से मुलाकात करना।
ऐसे ही एक व्यक्ति हैं डैनियन ब्रिंक्ले, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर अपने अनुभवों को लेकर चर्चा में हैं। डैनियन का कहना है कि वह एक नहीं, बल्कि तीन बार ‘मरकर’ फिर से जीवित हुए हैं।
तीन बार ‘मौत’ का अनुभव
डैनियन ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें अब मौत से डर नहीं लगता, क्योंकि वह इसे तीन बार करीब से देख चुके हैं।
- पहली बार 1975 में, जब उन पर बिजली गिरी और वे बुरी तरह झुलस गए। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया और उन्हें मॉर्चुरी भेज दिया गया। लेकिन करीब 30 मिनट बाद, उनकी फिर से सांसें चलने लगीं।
- दूसरी बार 1989 में, जब उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हो रही थी, उस दौरान भी उन्हें कुछ समय के लिए मृत घोषित किया गया। मगर कुछ ही सेकंड में उनका दिल फिर से धड़कने लगा।
- तीसरी बार ब्रेन सर्जरी के दौरान उनका दिल कुछ समय के लिए रुक गया, लेकिन वे फिर से वापस लौट आए।
मौत के बाद क्या दिखा?
डैनियन बताते हैं कि पहली बार जब वह मौत के करीब पहुंचे, तो उन्होंने खुद को एक अंधेरी सुरंग में पाया, जिसके अंत में एक तेज़ रौशनी थी। वहां उन्हें अपने पूरे जीवन की घटनाएं एक फ्लैशबैक की तरह दिखाई दीं। इसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।
दूसरी बार, उन्होंने एक चमकदार कांच के शहर को देखा, जिसे उन्होंने ‘स्वर्ग’ कहा। वहां उनकी मुलाकात कुछ दिव्य प्राणियों या फरिश्तों से हुई, जिन्होंने उन्हें मानसिक शक्तियों और चेतना के रहस्यों के बारे में बताया।
डैनियन की यह कहानी एक रहस्यमय और चौंकाने वाला पहलू उजागर करती है, जो विज्ञान और आध्यात्म के बीच की सीमा को धुंधला कर देती है। उनके अनुभवों को मानें या न मानें, लेकिन यह जरूर कह सकते हैं कि मृत्यु के बाद की दुनिया को लेकर इंसानों की जिज्ञासा कभी खत्म नहीं होने वाली।